
The Bhootnii Review: बॉलीवुड में एक ट्रेंड चलता है—अगर एक हॉरर कॉमेडी फिल्म चल जाती है, तो उसी फॉर्मूले को कई बार दोहराया जाता है. 'स्त्री' की सफलता के बाद ऐसी कई फिल्में आईं जो हंसी और डर का तड़का लगाने की कोशिश करती हैं. ‘द भूतनी’ भी इसी ट्रैक पर चलने वाली नई पेशकश है, जिसे सिद्धांत सचदेव ने लिखा और निर्देशित किया है. अब यह फिल्म हंसाने और डराने में कितनी सफल होती है जानते हैं इस रिव्यू में.
फिल्म की शुरुआत होती है एक कॉलेज कैंपस में मौजूद 'वर्जिन ट्री' से, जिसे वेलेंटाइन डे पर स्टूडेंट्स पूजा करते हैं ताकि उन्हें सच्चा प्यार मिल सके. इसी पेड़ के पास पहुंचता है शांतनु (सनी सिंह), जिसका दिल टूटा हुआ है. और आगे चलकर उसकी मुलाक़ात होती है अनन्या (पलक तिवारी) से, जो उससे प्यार तो करती है पर जताती नहीं. कहानी तब मोड़ लेती है जब होली के दिन एक स्टूडेंट की रहस्यमयी मौत हो जाती है और लोग इस पेड़ को श्रापित मानने लगते हैं. धीरे-धीरे कॉलेज एक डरावनी स्थिति में आ जाता है और एंट्री होती है मोहब्बत (मौनी रॉय) की—एक रहस्यमयी और मोहक भूतनी, जो शांतनु से सच्चा प्यार करती है.
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यहां से फिल्म एक भावनात्मक, रोमांटिक और हॉरर-कॉमेडी जर्नी पर निकलती है. साथ में दो दोस्त—नासिर (आसिफ ख़ान) और एक और स्टूडेंट (नवनीत मलिक)—कहानी में जान डालते हैं. इन दोनों का ब्रोमांस और पंचलाइंस दर्शकों को हंसी से लोटपोट करने में कामयाब रहते हैं.
संजय दत्त इस फिल्म में ‘बाबा कृष्णा त्रिपाठी’ के रोल में नजर आते हैं, जो एक मॉडर्न तांत्रिक और स्पिरिचुअल एक्सपर्ट हैं. उनका किरदार दिलचस्प है लेकिन स्क्रिप्ट में उनकी क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं किया गया है.
परफॉर्मेंस की बात करें तो, मौनी रॉय इस फिल्म की जान हैं. उनकी स्क्रीन प्रेज़ेंस और अभिनय में आत्मविश्वास है. वहीं पलक तिवारी की परफॉर्मेंस औसत रही. सनी सिंह अपने किरदार में ठीकठाक जमे हैं लेकिन उन्हें ज्यादा परतें नहीं दी गईं.
फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा धीमा है और बिल्डअप में वक्त ज्यादा लेता है. वीएफएक्स में थोड़ी और मेहनत की जा सकती थी. लेकिन सेकंड हाफ रफ्तार पकड़ता है और कहानी में ट्विस्ट्स, ह्यूमर और इमोशंस का सही संतुलन लाता है. फिल्म का क्लाइमेक्स इमोशनल है और एक मैसेज भी देता है कि सच्चा प्यार केवल इंसानों तक सीमित नहीं होता.
सिद्धांत सचदेव की डायरेक्शन में कोशिश नज़र आती है, लेकिन स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स को और कसने की ज़रूरत थी. कॉन्सेप्ट अच्छा है, और कुछ सीन बहुत प्रभावशाली हैं, लेकिन पूरी फिल्म को एक साथ बांधे रखने वाली पकड़ थोड़ी ढीली रह जाती है. फैमिली व्यूइंग के लिहाज़ से यह एक साफ-सुथरी फिल्म है. इसमें कोई एडल्ट कंटेंट नहीं है, इसलिए आप इसे परिवार के साथ बिना हिचक देख सकते हैं.
‘द भूतनी’ एक एंटरटेनिंग हॉरर कॉमेडी है जिसमें सच्चे प्यार, दोस्ती और कुछ डरावने पलों की झलक है. यह फिल्म न तो आपको बोर करती है, न ही ज़्यादा डराती है, लेकिन हल्की-फुल्की हंसी और एक भावनात्मक अंत के साथ आपको संतुष्ट ज़रूर कर सकती है. फिल्म को 5 में से 3 स्टार.