नयी दिल्ली: बॉलीवुड अदाकारा नीना गुप्ता का कहना है कि पुरुषों को प्राथमिकता बनाना उनकी जिंदगी की बड़ी गलती थी, जिसकी वजह से उनका ध्यान करियर से हटकर सही पार्टनर चुनने पर केंद्रित हो गया. ‘खानदान’, ‘भारत एक खोज’, ‘सांस’ जैसे टीवी शो और ‘वो छोकरी’, ‘गांधी’ एवं ‘मुहाफिज’ जैसी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय के लिए प्रसिद्ध नीना (64) ने कहा कि अच्छा रिश्ता बनाए रखने की चाहत ने करियर से उनका ध्यान भटकाया.
नीना ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मैं हमेशा अच्छा काम करना चाहती थी और दमदार भूमिकाएं निभाना चाहती थी. लेकिन अब जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो मुझे लगता है कि पुरुष मेरी प्राथमिकता बन गए थे और यह मेरी बड़ी गलती थी. मेरा ध्यान करियर बनाने से हटकर सही पार्टनर चुनने पर केंद्रित हो गया. महिलाओं की जिंदगी में पुरुष कभी प्राथमिकता नहीं होने चाहिए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं वाकई अच्छा काम कर रही थी. मैं लिख रही थी, निर्देशन कर रही थी और टीवी पर कुछ बेहतरीन चीजों का निर्माण कर रही थी. निजी जिंदगी में मैं जिन चीजों से गुजरी, मेरी पेशेवर पसंद-नापसंद पर उसका गहरी छाप पड़ी.’’ नीना ने कहा कि महिलाओं की परवरिश ही कुछ ऐसी होती है कि उन्हें अपने रिश्तों को निजी लक्ष्यों से ऊपर रखना पड़ता है.
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे पुरुष को तलाशना लगभग नामुमकिन है जो अपने बराबर या अपने से ऊंचे दर्जे की महिलाओं का साथ निभा सके. ऐसे पुरुष इस दुनिया में अब भी नहीं हैं. एक तरह से हमें हमेशा अपनी जिंदगी में तकलीफों का सामना करना होगा.’’ नीना ने कहा, ‘‘यदि हम सख्ती से काम लें तो समस्या, यदि हम ऐसा न करें तो भी समस्या. मुझे नहीं लगता कि कोई महिला अपनी जिंदगी या अपने साथ होने वाले बर्ताव से पूरी तरह खुश होती है.’’ बहरहाल, उनका मानना है कि ‘मी टू’ मुहिम से भारत में हालात बहुत हद तक बदलेंगे.