Lakeerein Review: आशुतोष राणा स्टारर फिल्म 'लकीरें' एक विवाहित महिला द्वारा अपने पति के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करने के संवेदनशील मुद्दे पर आधारित है. फिल्म समाज को एक अच्छा संदेश देती है कि किसी भी रिश्ते में सहमति आवश्यक है और बिना सहमति का शारीरिक संबंध बलात्कार ही माना जाएगा. यह फिल्म समाज को आइना दिखाने का काम करती है कि पति पत्नी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और दोनों का महत्व बराबरी का होता है. UT 69 Review: जेल के भीतर कैदियों की स्थिति पर बारीकी से प्रकाश डीलती है 'यूटी 69', Raj Kundra की दिखी पावरफुल एक्टिंग!
फिल्म में आशुतोष राणा ने निगेटिव किरदार निभाया है. उन्होंने एक वकील की भूमिका निभाई है जो इस महिला के खिलाफ केस लड़ते हैं. आशुतोष राणा की एक्टिंग हमेशा की तरह दमदार है. उन्होंने अपने किरदार को पूरी ईमानदारी से निभाया है. साथ ही उनका अंदाज पहले की फिल्मों से एक दम अलग और जुदा दिखा है. पीड़ित महिला का किरदार टिया बाजपेयी ने निभाया है. उनकी एक्टिंग पहले की ही फिल्मों की तरह सामान्य रही. वहीं पीड़िता के पति का किरदार निभा रहे गौरव चोपड़ा इम्प्रेसिव लगे हैं. साथ ही पीड़िता का केस लड़ रहीं वकील बिदिता बाग ने अपनी अदाकारी की छाप छोड़ी है.
दुर्गेश पाठक ने फिल्म को डायरेक्ट किया है. उन्होंने इस सेंसटिव मुद्दे को बड़ी ही गंभीरता के साथ स्क्रीन पर उतारा है. फिल्म में आपको ज्यादा ड्रामा देखने नहीं मिलेगा, जो अच्छी बात है. वह क्या बताना चाहते हैं, मुद्दे से बिना भटके उन्होंने दिखाने की कोशिश की है. पर हां फिल्म में जो तीन कहानियों को मिलाने की कोशिश की है, वह कोशिश असफल लगती है. साथ ही फर्स्ट हाफ और इंगेजिंग बनाया जा सकता था. बावजूद कुछ खामियों के यह फिल्म आपको एक जरूरी मैसेज देती है और आशुतोष राणा की एक्टिंग पैसा वसूल है.