Kangana Ranaut Bungalow Demolition Case: कंगना रनौत के मुंबई स्थित दफ्तर पर बीएमसीद्वरा की गई तोड़क कार्रवाई को लेकर मामला हाईकोर्ट में लंबित है. बीएमसी अधिकारीयों ने अवैध निर्माण का हवाला देते हुए 9 सितंबर को कंगना के दफ्तर के कुछ हिस्से को ढहा दिया था. इस मामले में कंगना ने बीएमसी से 2 करोड़ के नुक्सान की भरपाई की मांग करते हुए हाईकोर्ट में मामला दर्ज किया है. अब इस केस में आई ताजा अपडेट के अनुसार, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने इस केस में अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
इस मामले को लेकर समय-समय पर सुनवाई की जा रही है और पिछली बार अदालत ने इन सभी पक्षों से इस केस में अपना लिखित जवाब सौंपनी को कहा था. सुनवाई के दौरान अदालत ने बीएमसी के उस वॉर्ड ऑफिस से भी सवाल किया जिसके अंतर्गत कंगना का दफ्तर आता है. इसी के साथ कोर्ट ने सवाल किया कि तोड़क कार्रवाई के लिए इतनी भरी पुलिस बल क्यों तैनात की गई थी?
Kangana Ranaut (in file photo) property demolition matter: Bombay High Court reserves the order in the matter.
Court was informed that all concerned parties have filed their written submissions. Following this, it concluded the hearing and reserved the order. pic.twitter.com/2SM7UKJzTU
— ANI (@ANI) October 5, 2020
आपको बता दें कि आज कोर्ट को जानकारी दी गई कि सभी पक्षों ने अपना लिखित जवाब सौंप दिया है जिसके बाद इसकी सुनवाई का अंत किया गया. अब जल्द ही इस मामले में न्यायालय अपना फैसला सुना सकती है.
अगर फैसला कंगना के पक्ष में आता है तो मुंबई महानगरपालिका को कंगना के दफ्तर पर बुलडोजर चलाने के लिए 2 करोड़ जा हर्जाना भी देना पड़ सकता है. ज्ञात हो कि सुशांत मामले में मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर तीखे शब्दों से वार करने वाली कंगना की शिवसेना नेता संजय राउत से बहस हो गई थी जिसके बाद कंगना की तुलना पीओके से करके एक नया विवाद छेड़ दिया था.