दुनिया में हर माता-पिता को अपने बच्चों से सबसे ज्यादा प्यार होता है लेकिन अगर वह प्यार उनकी संतान को घुटन लगने लगे तो फिर नतीजा कुछ उल्टा ही होता है. बच्चों को ऐसा लगता है जैसे उनके माता-पिता उनकी जिंदगी में दखल देने की कोशिश कर रहे हैं. काजोल की फिल्म 'हेलीकॉप्टर ईला' भी यही संदेश देती है. इस फिल्म में मां-बेटे के प्यार और तकरार भरे रिश्ते को दर्शाया गया है. फिल्म के द्वारा एक बहुत ही अच्छा संदेश देने की कोशिश की गई है पर यह प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो पाता है. फिल्म में काफी खामियां हैं जिसकी वजह से दर्शक निराश हो सकते हैं. हालांकि, काजोल के फैन्स इस फिल्म को देख सकते हैं. उनका अभिनय हमेशा की तरह उम्दा है.
कहानी: यह फिल्म मां-बेटे की कहानी है. काजोल ने ईला नामक एक महिला का किरदार निभाया है जो अपने बेटे विवान (रिद्धि सेन) से खुद से भी ज्यादा मोहब्बत करती हैं. ईला का पति अरुण अपने परिवार को एक अजीबोगरीब वजह के लिए छोड़कर चला जाता है और यही से फिल्म की खामियां दिखना शुरू हो जाती हैं. फिर विवान ईला की जिंदगी बन जाता है. ईला खुद की सारी ख्वाहिशें भूलकर बस विवान का ख्याल रखना चाहती हैं. विवान जब उम्र में बढ़ा होता है तो उसे अपनी मां के इस अत्यधिक प्यार से घुटन होने लगती है. ईला विवान के पीछे पीछे उसके कॉलेज तक पहुंच जाती है और वहां पर दाखिला ले लेती हैं. वह विवान का ध्यान रखते हुए खुद को ही भूल जाती है. कहानी किस प्रकार आगे बढ़ती है, यह जानने के लिए आपका इस फिल्म को देखना जरुरी है.
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निर्देशन: प्रदीप सरकार का निर्देशन निराश करता है. 'परिणीता' जैसी फिल्म का निर्देशन कर चुके प्रदीप इस बार उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते हैं. फिल्म में कुछ सीन्स ऐसे हैं जिनमें लॉजिक ढूंढना मुश्किल साबित होता है. साथ ही फिल्म में ऐसे भी कई मौके आते हैं जब यह लगता है कि एक दृश्य उसके पिछले वाले दृश्य से जरा भी कनेक्टेड नहीं हैं. फिल्म कई बार बोर करने लगती है. प्रदीप सरकार दर्शकों तक जो इमोशन पहुंचाना चाहते थे, वह उसमें नाकामयाब होते हैं.
अभिनय :- काजोल का अभिनय हमेशा की तरह शानदार है. अगर फिल्म को देखने के लिए आप कोई वजह खोज रहे हैं, तो काजोल की एक्टिंग ही वो वजह हो सकती हैं. रिद्धि सेन ने भी विवान का किरदार काफी अच्छे ढंग से निभाया है. अगर फिल्म पर थोड़ी और मेहनत की जाती, तो काजोल और रिद्धि का अभिनय और निखर के सामने आता. नेहा धूपिया ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है.
म्यूजिक : - फिल्म का म्यूजिक भी काफी साधारण है. सिर्फ एक गाना 'यादों की अलमारी' आपको पसंद आ सकता है.
फिल्म की खूबियां : -
1. काजोल और रिद्धि सेन का अभिनय
2.एक अच्छा संदेश देना का प्रयास
फिल्म की खामियां : -
1. कुछ सीन्स में जरा सा भी लॉजिक नहीं दिखता है.
2. दर्शकों को फिल्म से रिलेट कर पाने में तकलीफ हो सकती है.
3. फिल्म की धीमी रफ्तार
कितने स्टार्स ?
फिल्म के द्वारा एक काफी अच्छा मैसेज देने की कोशिश की गई है लेकिन फिल्म में बहुत सी खामियां भी नजर आती हैं. काजोल की 'हेलीकॉप्टर ईला' को हम 2 स्टार्स देना चाहेंगे.