बॉलीवुड में छोटे लेकिन सफल करियर के बाद अभिनेत्री मिनीषा लांबा ने थिएटर की ओर कदम बढ़ाया है. मिनीषा ने 'मिरर मिरर' नामक एकल नाटक किया जिसमें उन्होंने 13 किरदार निभाए.
'मिरर मिरर' 75 मिनट का नाटक है जो दो जुड़वां बच्चों पर आधारित है.
मिनीषा ने माना कि थिएटर की दुनिया में उनका आना ऐसे समय पर हुआ जब 'बहुत कुछ हो नहीं रहा था.' लेकिन, थिएटर उन्हें काफी मुश्किल लग रहा था.
मिनीषा लांबा (33) ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, "हालांकि, यह भूमिका मेरी गोद में आकर गिरी लेकिन मैं पूरी तरह सोच में पड़ गई कि यह तो थिएटर है. तब निर्देशक सैफ हैदर हसन ने मुझे कहा कि यह अभिनय है और आप एक अभिनेत्री हैं. बस यह माध्यम अलग है."
मिनीषा ने कहा, "जब सैफ सर कहानी सुना रहे थे, मुझे यह बहुत पसंद आई लेकिन काम काफी मुश्किल लगा. मैंने उसी समय यह नाटक करने का फैसला किया क्योंकि मुझे लगा कि अगर मैंने घर जाकर सोचा तो शायद मेरा मन बदल जाए."
यह पूछे जाने पर कि इन 13 किरदारों को निभाने के लिए उन्होंने कैसी तैयारी की, मिनीषा ने कहा, "यह किरदार मेरे पास आर्गेनिक रूप से आए. बच्चे का किरदार निभाना आसान था क्योंकि बच्चों का व्यवहार सामान्य होता है. हालांकि, एक पुरुष की आवाज निकालना मुश्किल काम था."
इस नाटक का अधिक हिस्सा भाई-बहन की नोकझोंक पर आधारित है लेकिन इसमें यह भी दर्शाया गया है कि कैसे एक महिला के शरीर को सामाजिक व्यवस्था अपने नियंत्रण में रखती है.
मिनीषा ने कहा, "मैं ऐसी कई महिलाओं को जानती हूं जो अभी बच्चे नहीं चाहतीं. वह अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं और उन्हें इसके लिए शर्मिदा होने की जरूरत नहीं."
उन्होंने कहा, "मुझे नाटक की यह लाइन बहुत पसंद है कि, 'मुझे उम्मीद है कि कोई इसे स्वीकार करेगा, मुझे यह बच्चा नहीं चाहिए.' यह लाइनें शहरों में काम कर रहीं युवा महिलाओं की भावनाओं को प्रतिबिंबित करतीं हैं."
मिनिषा से यह बातचीत हाल में मिरांडा हाउस कालेज में 'मिरर मिरर' के मंचन से इतर हुई.