अत्याचार का विरोध करने के लिए गांधीवादी सिद्धांतों को अपना रहे हैं युवा: ICCR निदेशक दिनेश पटनायक
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Photo Credits: Twitter)

जोहानिसबर्ग, 31 जनवरी: भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council of Cultural Relations) के निदेशक दिनेश पटनायक (Dinesh Patnaik) ने कहा कि विश्वभर में दमनकारी शक्तियों का विरोध कर रहे युवा अत्याचार के खिलाफ अहिंसक तरीके से लड़ने के लिए गांधीवादी सिद्धांतों को अपना रहे हैं. पटनायक ने शनिवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित वेबिनार (ऑनलाइन सम्मेलन) में यह बात कही. महात्मा गांधी द्वारा स्थापित 'फीनिक्स सेटलमेंट' में कार्यरत उनकी पोती इला गांधी ने बताया कि डरबन में गांधी विकास न्यास द्वारा आयोजित इस वेबिनार की विषयवस्तु थी: 'प्रेम की शक्ति बदल सकती है, लेकिन नफरत सभी को नष्ट कर देती है.'

पटनायक ने कहा, "युवाओं को महात्मा गांधी और उनके मूल्यों को लेकर उत्साहित देखकर मुझे खुशी होती है." उन्होंने कहा, "अब बड़ी संख्या में युवा राजनीति में रुचि ले रहे हैं. उन्हें एहसास हो गया है कि उनकी आवाज है, जिसका वे अभी तक इस्तेमाल नहीं कर रहे थे." पटनायक ने कहा, "गांधी युवाओं की प्रेरणा बने क्योंकि वह राजनीति में जो धारणा लेकर आए, वह बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने साबित किया कि आप अहिंसक तरीके से अत्याचार से निपट सकते हैं."

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इला ने कहा, "मौजूदा समय में, जब हम कोविड-19 (COVID-19) वैश्विक महामारी के दुष्प्रभाव और इसके परिणामस्वरूप बढ़े असंतोष, असहिष्णुता और हिंसा से जूझ रहे हैं, ऐसे में हमें गांधी जी के ज्ञान की पहले से भी अधिक आवश्यकता है." इस सम्मेलन में 'वर्ल्ड फ्यूचर काउंसिल पीस एंड डिसआर्मामेंट प्रोग्राम' के निदेशक अलायन वेयर ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में अमेरिका द्वारा गिराए गए परमाणु बम को लेकर गांधी की टिप्पणियों का हवाला दिया और परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए गांधीवादी सिद्धांत अपनाते हुए शत्रु देशों के साथ वार्ता करने की वकालत की.

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