चंडीगढ़, 30 नवंबर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के साल भर लंबे आंदोलन के दौरान उन पर पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने की किसानों की मांग पर वह सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे।
खट्टर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह सही है कि यह (मामले वापस लेना) राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है। ’’ उनसे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के इस बयान के बारे में पूछा गया था कि किसानों के खिलाफ मामले रद्द करना राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में है।
उन्होंने कहा कि किसानों ने अपना आंदोलन अभी खत्म नहीं किया है क्योंकि वे केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने के बाद अब भी अपनी अन्य मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं।
खट्टर ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब यह मुद्दा (किसानों का आंदेलन) अंतिम स्थिति में पहुंच जाएगा, हम वह करेंगे जो हमारी सरकार को अपनी ओर से करना है। हालांकि, उन्होंने अपना आंदोलन अब तक खत्म नहीं किया है। हम इन सभी चीजों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हरियाणा इकाई के प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा, ‘‘प्रदेश भाजपा प्रमुख होने के नाते में कह रहा हूं कि इन सभी चीजों पर विचार किया जाएगा।’’
संसद ने सोमवार को कृषि कानून निरसन विधेयक,2021 पारित कर तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है।
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