मुंबई, 13 मार्च : कथित अवैध फोन टैपिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मुंबई पुलिस द्वारा तलब किए जाने के विरोध में भाजपा की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन के मद्देनजर शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को सवाल किया कि कुछ लोग खुद को कानून से ऊपर क्यों समझते हैं और यह ‘ड्रामा’ क्यों किया जा रहा है. ट्विटर पर किये गए एक पोस्ट में राज्यसभा सदस्य राउत ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां अतीत में ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ के तहत कुछ मामलों की जांच के सिलसिले में महाराष्ट्र के कई मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को समन भेज चुकी हैं. शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता राउत ने कहा कि लोकतंत्र में किसी के लिए कोई विशेष अधिकार नहीं हैं और कानून की नजरों में सभी बराबर हैं.
कथित फोन टैपिंग मामले में बीकेसी साइबर पुलिस की एक टीम रविवार को फडणवीस का बयान दर्ज करने के लिए उनके आवास पर पहुंची थी. पुलिस ने इस संबंध में फडणवीस को शनिवार को नोटिस जारी किया था. रविवार को महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया और नोटिस की प्रतियां जलाईं. दक्षिण मुंबई में विधायक नितेश राणे, विधान परिषद सदस्य प्रसाद लाड और प्रवीण दरेकर सहित भाजपा के कई नेता फडणवीस के आवास के बाहर एकत्रित भी हुए. राउत ने मराठी में ट्वीट किया, “कुछ लोग और राजनीतिक दल खुद को कानून से ऊपर क्यों समझते हैं? केंद्रीय एजेंसियों ने राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से जांच के लिए महाराष्ट्र के कई मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को तलब किया और वे एजेंसियों के सामने पेश हुए. लोकतंत्र में किसी को कोई विशेष अधिकार हासिल नहीं है. कानून के सामने सब बराबर हैं. फिर यह ड्रामा क्यों?” यह भी पढ़ें : Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर में हमलों के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कर सकता है गृह मंत्रालय
वहीं, मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी सरकार केंद्र की तरह राज्य की एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं के खिलाफ नहीं करती. महा विकास आघाड़ी में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा शामिल हैं. जब महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराने के बढ़ते मामलों के बारे में पूछा गया तो ठाकरे ने कहा, “हम सिर्फ कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं. मैं इसके बारे में अधिक टिप्पणी नहीं करना चाहता.” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता बौखला गए हैं, इसलिए वे राज्य में विभिन्न मुद्दों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.