महामारी के दौरान वजन बढ़ने से मधुमेह का खतरा बढ़ा: अध्ययन
कोविड-19 महामारी के दौरान कई बार लगे लॉकडाउन में लोगों के वजन बढ़ने से उनमें टाइप-2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ गया है. ब्रिटेन में हुए एक नए अध्ययन में शनिवार को यह जानकारी सामने आई.
लंदन, 4 सितंबर: कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान कई बार लगे लॉकडाउन (Lockdown) में लोगों के वजन बढ़ने से उनमें टाइप-2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ गया है. ब्रिटेन (Britain) में हुए एक नए अध्ययन में शनिवार (Saturday) को यह जानकारी सामने आई.शोध पत्रिका ‘लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी’ (Research Journal 'Lancet Diabetes and Endocrinology') में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (National Health Service) (एनएचएस) के मधुमेह रोकथाम कार्यक्रम में आने वाले 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों का वजन पहले आने वाले लोगों की तुलना में औसतन साढ़े तीन किलोग्राम बढ़ा हुआ है.यह भी पढे: COVID-19: यूरोप में डेढ़ साल बाद स्कूलों में लौट रहे हैं बच्चे, देखी गई खुशी
एनएचएस के अनुसार, किसी व्यक्ति का एक किलोग्राम वजन बढ़ने से उसे मधुमेह होने का खतरा आठ प्रतिशत तक बढ़ जाता है. एनएचएस के अधिकारी डॉ जोनाथन वलभजी ने कहा, “महामारी ने हमारे जीवन के हर पक्ष को बदल दिया है और हमारे मस्तिष्क तथा शरीर पर हावी हो गया है. हजारों लोग इसकी भारी कीमत चुका रहे हैं और लॉकडाउन के दौरान कई लोगों का वजन बढ़ गया है.”
उन्होंने कहा, “वजन बढ़ने का अर्थ यह भी है कि टाइप-2 मधुमेह होने के खतरा बढ़ गया है. इसके साथ ही कैंसर, अंधापन, हृदयाघात जैसी चीजें भी हो सकती हैं. ”ब्रिटेन में केयर एट डाइबिटीज के प्रमुख डेन हावर्थ ने कहा, ‘‘टाइप 2 डाइबिटीज एक जटिल स्थिति है जिसमें आयु, पारिवारिक इतिहास, जातीय समूहों के साथ विभिन्न जोखिम रहते हैं. ये स्थिति के विकास में 80-85 प्रतिशत तक का योगदान देते हैं. ’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)