तेलंगाना आंदोलन के दौरान लोगों की मौत पर हमें दुख है: नेता पी चिदंबरम
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हैदराबाद, 16 नवंबर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अलग तेलंगाना राज्य बनाने के लिए हुए आंदोलन के दौरान लोगों की मौत पर बृहस्पतिवार को दुख जताया. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत में यह भी कहा कि अलग राज्य बनाना या किसी राज्य को विभाजित करना बच्चों का खेल नहीं है और जन आंदोलन के परिणामस्वरूप ऐसा होता है. तेलंगाना राज्य के गठन में पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की ओर से हुई देरी की वजह से लोगों की जान जाने के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के आरोपों पर चिदंबरम ने कहा, ‘‘आत्महत्या एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. अगर जन आंदोलन में कुछ लोगों की जान चली गई तो हमें इसका दुख है. लेकिन आप इसके लिए तत्कालीन केंद्र सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते.’’

हालांकि, कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव नीत बीआरएस सरकार में आत्महत्या के 4,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि इन आत्महत्याओं के लिए कौन जिम्मेदार है. उन्होंने पूछा, ‘‘जिस तरह मूल आंध्र प्रदेश बनाया गया था, उस तरह के आंदोलन के बाद कोई राज्य बनता है. जन आंदोलन की प्रतिक्रिया में राज्य को विभाजित किया गया. अगर कुछ लोगों की मौत हुई तो हमें इसका दुख हैं. लेकिन केसीआर सरकार के दौरान तेलंगाना में 4,000 आत्महत्याओं का क्या?’’ चिदंबरम ने कहा कि आंदोलन के दौरान राव एक प्रभावशाली नेता बनकर उभरे थे और इसलिए वह आज मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि केसीआर ऐसा कुछ नहीं कह रहे कि लोगों को इससे कोई लेनादेना नहीं है और तेलंगाना मैंने बनाया. अगर वह ऐसा कह रहे हैं तो जनता उन्हें चुनाव में जवाब देगी.’’ यह भी पढ़ें : Cyclonic Storm: बंगाल की खाड़ी के ऊपर गहरे दबाव के चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना- आईएमडी

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अत्यधिक परिश्रम के बाद कांग्रेस तेलंगाना को अलग राज्य बनाने पर सहमत हुई थी और उन्होंने 9 दिसंबर, 2009 को इसकी घोषणा की थी जिसके बाद इस मुद्दे पर अनशन कर रहे चंद्रशेखर राव ने अपनी हड़ताल समाप्त की थी. चिदंबरम ने कहा, ‘‘उन्होंने (केसीआर ने) हमें बहुत धन्यवाद दिया. लेकिन, एक और आंदोलन छिड़ गया. और न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण आयोग की नियुक्ति की गई, जिसने छह सिफारिशें दीं. आखिरकार, कांग्रेस पार्टी और केंद्र सरकार संयुक्त आंध्र प्रदेश को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में विभाजित करने पर सहमत हो गए.’’