देश की खबरें | आप की महिलाओं की योजना के कारण दिल्ली में मतदाता पंजीकरण में आई तेजी : सूत्र

नयी दिल्ली, छह जनवरी निर्वाचन आयोग ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नए मतदाता पंजीकरण के लिए प्रत्येक आवेदन की जांच करें ताकि वास्तविक लोगों की पहचान की जा सके।

वहीं, सूत्रों ने दिल्ली की मतदाता सूची में नामांकन के लिए अचानक बड़ी संख्या में आवेदन आने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की महिला सम्मान योजना को जिम्मेदार ठहराया।

आप ने इस योजना के तहत दिल्ली में पंजीकृत महिला मतदाताओं को 2,100 रुपये की मासिक सहायता देने का वादा किया है। दिल्ली में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं।

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने एक विज्ञप्ति में बताया कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची में तीन लाख से अधिक मतदाताओं को जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए 16 दिसंबर, 2024 से सोमवार के बीच अतिरिक्त 5.1 लाख फॉर्म-6 प्राप्त हुए हैं।

विज्ञप्ति के मुताबिक दिल्ली के सीईओ ने अधिकारियों को निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रत्येक आवेदन की जांच करने को कहा है।

इसके मुताबिक, “मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करने के लिए झूठे/छेड़छाड़ किए गए दस्तावेज प्रस्तुत करने के मामले में अब तक 24 लोगों के खिलाफ आठ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।”

दिल्ली के सीईओ ने कहा कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए झूठे दावे और फर्जी दस्तावेज जमा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

सूत्रों ने कहा कि लाभार्थियों के मतदाता कार्ड से जुड़ी महिला सम्मान योजना मतदाताओं को रिश्वत देने के समान है, जो आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के तहत निषिद्ध है।

निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावों की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है।

सूत्रों ने बताया कि आयोग ने पहले भी राजनीतिक दलों को नोटिस जारी कर मतदाताओं को परोक्ष रूप से रिश्वत देने और उनका डेटा एकत्र करने के ऐसे तरीकों को रोकने के लिए कहा था।

दिल्ली के सीईओ ने कहा कि 16 दिसंबर, 2024 से नए पंजीकरण के लिए अभूतपूर्व भीड़ है, क्योंकि 5.1 लाख से अधिक लोगों ने मतदाता सूची में नामांकन के लिए फॉर्म-6 जमा किया है। इसमें कहा गया है कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान मतदाता सूची में 3.09 लाख नए मतदाता पहले ही जुड़ चुके हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘फॉर्म-6 की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि और वह भी एसएसआर-2025 (28.11.2024) में निर्धारित दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अंतिम तिथि के 20 दिन बाद, अप्रत्याशित है और इसकी गहन जांच की आवश्यकता है।’’

सीईओ ने कहा कि सभी ईआरओ को निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक फॉर्म की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। वास्तविक पात्र व्यक्तियों की पहचान करने के लिए ईआरओ और सहायक ईआरओ द्वारा क्षेत्र में जाकर 100 प्रतिशत सत्यापन किया जाएगा।

इस बीच, सोमवार को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, दिल्ली में 1.55 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं और गत दो महीने में 1,67,329 मतदाताओं की वृद्धि हुई है।

दिल्ली के सीईओ कार्यालय ने विधानसभा चुनाव से पहले विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर), 2025 प्रकाशित किया। शहर में कुल मतदाताओं की संख्या 1,55,24,858 है, इनमें 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिला और 1,261 तृतीय लिंग के मतदाता हैं।

पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद से दिल्ली की मतदाता सूची में 8,06,739 मतदाता जुड़े हैं। लोकसभा चुनाव से पहले 22 जनवरी 2024 को दिल्ली में कुल मतदाताओं की संख्या 1,47,18,119 थी।

अंतिम मतदाता सूची के मुताबिक 18-19 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 52,554 है जो पहली बार अपने मतदाधिकार का प्रयोग करेंगे।

मतदाताओं की संख्या के आधार पर सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र विकासपुरी है जिसमें 4,62,184 मतदाता पंजीकृत हैं, जबकि दिल्ली कैंट में सबसे कम 78,893 मतदाता हैं। तिलक नगर सीट पर सबसे बेहतर लिंगानुपात दर्ज किया गया और यहां प्रति 1,000 पुरुष मतदाताओं के मुकाबले 967 महिला मतदाता हैं, जबकि ओखला में सबसे खराब लिंगानुपात दर्ज किया गया जहां प्रति एक हजार पुरुष मतदाता पर महज 731 महिला मतदाता दर्ज हैं।

बयान के मुताबिक लिंगानुपात में सुधार आया है और यह प्रति 1,000 पुरुषों पर 859 महिला हो गया है। वहीं मतदाता-जनसंख्या अनुपात दो अंकों की वृद्धि के साथ 71.45 तक पहुंच गया है।

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