देश की खबरें | वानती श्रीनिवासन बनीं भाजपा महिला मोर्चे की राष्ट्रीय अध्यक्ष
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को पार्टी की तमिलनाडु इकाई की उपाध्यक्ष वानती श्रीनिवासन को महिला मोर्चे का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया। साथ ही उन्होंने अमिताभ चक्रवर्ती को पश्चिम बंगाल इकाई के संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी है।

पार्टी की ओर से जारी विज्ञप्ति में इन नियुक्तियों की घोषणा की गई और कहा गया कि दोनों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी।

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पेशे से वकील श्रीनिवासन तमिलनाडु भाजपा में कई पदों पर रह चुकी हैं। वह विजया रहातकर की जगह लेंगी। पिछले महीने नड्डा ने अपनी नयी टीम की घोषणा करते हुए महिला मोर्चे को छोड़, अन्य सभी मोर्चों के अध्यक्ष बदल दिये थे। रहातकर को नड्डा की नयी टीम में सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में राज्य की एक महिला नेता को राष्ट्रीय स्तर पर अहम जिम्मेदारी सौंप कर भाजपा नेतृत्व ने बड़ा दांव खेला है।

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उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु की राजनीति में क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व रहा है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) और ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के इर्दगिर्द ही प्रदेश की राजनीति का पहिया घूमता रहा है। दोनों ही दल बारी-बारी से प्रदेश के साथ-साथ केंद्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। फिलहाल, अन्नाद्रमुक का राज्य की सत्ता पर कब्जा है।

भाजपा दक्षिण भारत के इस राज्य में अभी तक कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाई है।

अमिताभ चक्रवर्ती पिछले कुछ सालों से पश्चिम बंगाल में भाजपा के सह संगठन मंत्री थे। सुब्रतो चट्टोपाध्याय के स्थान पर उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए भाजपा ने एड़ी-चोटी का दम लगा रखा है। पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य की 18 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी।

चट्टोपाध्याय ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सात साल तक एक सिपाही की तरह मुझ पर विश्वास जताने के लिए मैं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का शुक्रगुजार हूं। मैं नवनियुक्त संगठन महामंत्री को बधाई देता हूं और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’’

प्रदेश भाजपा संगठन में यह बदलाव कई लोगों को आश्चर्य में डालने वाला है, क्योंकि चट्टोपाध्याय लंबे समय से इस पद पर थे और उन्हें बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घेष का बेहद करीबी माना जाता है।

इस बारे में जब घोष से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये संगठनात्मक नियुक्तियां हैं जिनका निर्णय पार्टी करती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्हें कुछ नहीं कहना है।

यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की सभी जिला समितियों को पिछले सप्ताह खत्म कर दिया था जिसके बाद घोष और युवा मोर्चा के अध्यक्ष सौमित्र खान के बीच मतभेद पैदा हो गए थे। केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद एक दिन पहले ही यह मामला सुलझा था।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि राज्य इकाई के कई नेता चट्टोपाध्याय की कार्यपद्धति से खुश नहीं थे।

भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘‘सुब्रतो दा (चट्टोपाध्याय) के कार्यकाल के दौरान ही भाजपा का राज्य में विस्तार हुआ। लेकिन उनके खिलाफ कुछ शिकायतें थीं।’’

ब्रजेन्द्र

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