हरिद्वार, 13 अक्टूबर : उत्तराखंड की हरिद्वार जिला जेल से दो दिन पहले फरार दो कैदियों का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया. फरार कैदियों को जल्द से जल्द पकड़ने तथा मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है. हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोभाल ने मामले में सख्त रूख अपनाते हुए शुक्रवार रात को फरार हुए कैदियों को जल्द से जल्द फिर से गिरफ्तार करने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक (सदर) जितेंद्र मेहरा के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया. फरार कैदियों को पकड़ने के लिए 10 टीमें लगाई गयी हैं. एसआईटी के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक (शहर) स्वतंत्र कुमार सिंह को सौंपी गयी है.
जेल के अंदर शुक्रवार रात को रामलीला मंचन के दौरान आजीवन कारावास की सजा काट रहे रूड़की के रहने वाले पंकज और अपहरण एवं फिरौती के मामले में विचाराधीन उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले रामकुमार चौहान जेल की दीवार से सीढ़ी लगाकर फरार हो गए थे. शनिवार सुबह दो कैदियों के जेल से फरार होने का पता चलते ही हड़कंप मच गया. हरिद्वार के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने घटना की जानकरी लेने के लिए जेल का दौरा किया. जेल अधिकारियों की लापरवाही सामने आने के बाद जेलर प्यारेलाल सहित छह जेल कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया. यह भी पढ़े : बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली, चौथे आरोपी की हुई पहचान
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, प्रारंभिक जानकारी में सामने आया कि पंकज और रामकुमार सहित जेल मे बंद तीन कैदियों ने करीब एक हफ्ते पहले ही रामलीला के दौरान जेल से फरार होने की योजना बना ली थी. इस योजना में छोटू नाम का एक तीसरा कैदी भी शामिल था. सूत्रों ने बताया कि इन तीनों ने रामलीला में जेल कर्मियों की व्यस्तता का लाभ उठाते हुए जेल मे मौजूद दो सीढ़ियों को कपड़े से जोड़कर उसे दीवार से लगा दिया, जिसके बाद पंकज और फिर रामकुमार भागने में सफल रहे लेकिन जब छोटू ने सीढ़ी चढ़ना शुरू किया तो सीढ़ी गिर पड़ी और वह भागने में नाकामयाब रहा.