मुख्यमंत्री रावत ने कोविड-19 पर नियंत्रण एवं तीन मई तक लागू लॉकडाउन के बीच रियायतों के संबंध में यहां उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि कोरोना के खिलाफ संघर्ष में जुटे लोगों को माला पहनाकर, शॉल ओढ़ाकर या गुलदस्ता देकर सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने को कहा।
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, रावत ने कहा कि ऐसे लोगों का सम्मान दूर से पुष्प वर्षा से भी किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जिन लोगों के बीच सामान वितरित किए जा रहे हैं, उनके साथ भी फोटो न खींची जाए और सामाजिक दूरी का पूरा पालन हो ।
रावत ने अधिकारियों से लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के आधार पर ही प्रदेश में रियायतें देने को कहा । उन्होने कहा कि छोटे व्यवसायियों एवं स्थानीय लोगों की आय सृजन के लिए कार्य योजना बनाई जाए।
कृषि कार्यों को भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार अनुमति देने का निर्देश देते हुए रावत ने कहा कि स्मार्ट सिटी के कार्य भी कम लोगों के साथ शुरू किए जा सकते हैं।
उन्होंने हांलांकि, इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि कोरोना वायरस महामारी को लेकर अन्य जगहों की अपेक्षा उत्तराखंड में स्थिति बेहतर है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के मामले पूरे भारत में जहां औसतन 7.5 दिनों में दोगुने हो रहे हैं वहीं उत्तराखंड में ये 26.6 दिन में दोगुना हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से उत्तराखंड कहीं बेहतर स्थिति में है ।
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के नियंत्रण में स्वास्थ्य, सफाई एवं पुलिस के कार्यों के अलावा जन सहयोग की भी प्रशंसा की।
उत्तराखंड में अब तक कोरोना संक्रमण के 46 मामले सामने आ चुके हैं ।
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