ऋषिकेश (उत्तराखंड), 16 मई कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के भीतरी वन क्षेत्र से पकड़कर मंगलवार को एक बाघिन को राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया। एक वन अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उत्तराखंड के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक समीर सिन्हा ने बताया कि पांच वर्षीया बाघिन को सुबह करीब दस बजे एक हेक्टेयर क्षेत्र में बने सुरक्षित बाड़े में छोड़ा गया।
उन्होंने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी छोर पर स्थित मोतीचूर, कांसरौ, बेरीवाड़ा व चिल्ला क्षेत्रों में 2021 में एक बाघ और एक बाघिन को एक बाड़े में छोड़ा गया था। बाघ अपना रेडियो कॉलर निकालकर बाड़े से भाग निकला था जिसकी कैमरा के जरिए निगरानी की जा रही थी।
कुछ समय पहले राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने कॉर्बेट से तीन अन्य बाघों को राजाजी रिजर्व लाने पर अस्थायी रोक लगा दी थी।
सिन्हा ने बताया कि एनटीसीए से मंजूरी मिलने के बाद बाघिन को राजाजी रिजर्व लाया गया। उन्होंने बताया कि मोतीचूर में बाड़े में छोड़े जाने से पहले बाघिन के स्वास्थ्य की जांच की गयी जिसमें वह पूर्ण स्वस्थ पायी गयी।
चीला—मोतीचूर वन्य जीव गलियारे का इस्तेमाल करके पूर्वी छोर के वन क्षेत्र से बाघों का पश्चिमी वन क्षेत्र में आवागमन शुरु हो चुका है। यह आवागमन और अधिक बढ़ेगा तो चीला व गोहरी रेंज के बाघों की आबादी और बढ़ेगी तथा आनुवांशिक रूप से और उन्नत होगी।
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