उत्तर प्रदेश सरकार को नौकरशाह चला रहे हैं: भाजपा नेता का दावा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Photo Credits: PTI)

बलिया (उप्र), 12 अगस्त : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य एवं पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया है कि राज्य सरकार को नौकरशाह चला रहे हैं तथा जन प्रतिनिधियों से लेकर पार्टी नेताओं को नौकरशाही तवज्जो नहीं देती. भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य व पूर्व विधायक सिंह ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि योगी सरकार को नौकरशाह चला रहे हैं, सरकार में नौकरशाही मंत्रियों तक को तवज्जो नहीं देती. उन्होंने कहा कि पहले मंत्रियों से मुलाकात करने जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को आना पड़ता था, अब स्थिति यह है कि मंत्रियों की अधिकारियों से मुलाकात तक नहीं हो पाती. उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि से लेकर पार्टी नेताओं की स्थिति अत्यंत बदतर हो गई है और इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही इससे पहले सिंह ने आठ अगस्त को तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के चल रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा था कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा नीत केन्द्र सरकार इन कानूनों को वापस ले सकती है पूर्व विधायक सिंह ने रविवार रात जिले के नगरा में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा था, ‘‘किसानों की मांगे सही हैं.

विधानसभा चुनाव और किसानों में रोष को देखते हुए केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार इन कानूनों को वापस ले सकती है.’’उन्होंने कहा था कि कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनों के चलते भाजपा के नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में नहीं जा पा रहे हैं और आने वाले समय में किसान भाजपा के जन प्रतिनिधियों का घेराव भी कर सकते हैं. उन्होंने इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस से कथित तौर पर जासूसी कराने जाने को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था और कहा था कि लोकतांत्रिक देश में विपक्ष की मांग पर विचार होना चाहिए. उन्होंने कहा,‘‘ यदि विपक्ष चाहता है कि जासूसी कांड की जांच हो तो सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि संसद का सत्र सुचारू रूप से चले.’’ सिंह ने कोविड की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा की गई तैयारियों पर भी सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि सरकार ने दूसरी लहर से सबक नहीं लिया और मामलों से आगे निपटने के लिए कोई प्रभावी प्रबंध नहीं किए हैं. इसी वर्ष जून माह में सिंह ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रबंधन पर सवाल उठाया था. यह भी पढ़ें : Jammu and Kashmir: कुलगाम में BSF के काफिले पर आतंकी हमला, मुठभेड़ जारी- 3 दहशतगर्द घिरे

उत्तर प्रदेश में कोविड -19 संकट से निपटने की आलोचना करते हुए, सिंह ने दावा किया था कि दूसरी लहर के दौरान हर गांव में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई क्योंकि पहली लहर से कोई सबक नहीं सीखा गया. उन्होंने कहा था, “कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्य के हर गांव से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई,” उन्होंने कहा था कि संक्रमण के कारण मरने वालों के परिजनों को 10 लाख रुपये दिए जाने चाहिए. इससे पहले मई माह में, भाजपा के सीतापुर विधायक राकेश राठौर ने राज्य में कथित कोविड -19 कुप्रबंधन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्हें बोलने पर देशद्रोह के आरोप का डर है. एक वीडियो क्लिप के अनुसार राकेश राठौर ने संवाददाताओं से कहा था कि “विधायकों की क्या स्थिति है? अगर हम बहुत ज्यादा बोलते हैं, तो देशद्रोह के आरोप हम पर भी लगाए जा सकते हैं. ”