विदेश की खबरें | कोविड-19 संकट से निपटने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है अमेरिका : व्हाइट हाउस

वाशिंगटन, 12 मई अमेरिका कोविड-19 वैश्विक महामारी की अप्रत्याशित दूसरी लहर के दौरान लगातार पैदा हो रही जरूरतों को लेकर भारत के साथ करीब से काम कर रहा है।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बारे में बताया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका सरकार ने अब तक 10 करोड़ डॉलर मूल्य की सहायता सामग्री दी है, इसके अलावा निजी क्षेत्र ने भी 40 करोड़ डॉलर मूल्य की अतिरिक्त सहायता सामग्री दान की है, यानी भारत को कुल 50 करोड़ डॉलर की सहायता सामग्री भेजी गयी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीय अधिकारियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम कर हैं ताकि मौजूदा संकट में लगातार पैदा हो रही जरूरतों को पूरा किया जाये।’’

इससे पहले वरिष्ठ सीनेटर मार्क वार्नर ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू से बात की और भारत को सहायता देने के लिए प्रतिबद्धता जतायी।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत इस वक्त कोविड-19 महामारी का केंद्र बना हुआ है। आज सुबह मैंने भारतीय राजदूत से बात की और महामारी को फैलने से रोकने में भारतीयों की मदद का संकल्प जताया। मैं इस मुद्दे पर बाइडन प्रशासन के साथ लगातार काम करूंगा।’’

वार्नर सीनेट की खुफिया मामलों की समिति के अध्यक्ष हैं।

संधू ने ट्वीट किया, ‘‘इस चुनौतीपूर्ण समय में भारत के प्रति आपके मजबूत समर्थन के लिए शुक्रिया।’’

अमेरिकी सांसद एंडी लेविन ने भी कहा कि भारत के लिए अभी और काम करने की आवश्यकता है।

इस बीच गिलियड साइंसेज से रेमडेसिविर की 78,000 से अधिक खुराकों की चौथी खेप भारत पहुंच गयी।

भारत में कोविड-19 के रोजाना सामने आ रहे चार लाख मामलों का जिक्र करते हुए भारतवंशी अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि वह बाइडन प्रशासन पर जरूरी संसाधन की मदद के लिए जोर दे रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में कहीं भी कोरोना वायरस संक्रमण फैलना हमारे लिए खतरा है।’’

प्राइस के अनुसार, भारत के लिए अब तक यूएसएड ने आवश्यक चिकित्सकीय राहत सामग्री के साथ छह दिन में छह विमान भेजे हैं।

उन्होंने बताया कि राहत सामग्री में रेमडेसिविर दवाइयां, करीब 1,500 ऑक्सीजन सिलेंडर, 550 सचल ऑक्सीजन सिलेंडर,10 लाख रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट, करीब 25 लाख एन95 मास्क, बड़े पैमाने पर तैनात होने वाली ऑक्सीजन सांद्रक प्रणाली और पल्स ऑक्सीमीटर शामिल हैं।

इस बीच पेंटागन के प्रवक्ता पीटर ह्यूजेस ने बताया कि ‘डिफेंस लॉजिस्टिक्स एजेंसी’ वर्तमान में ट्राविस वायुसेना अड्डे पर 159 ऑक्सीजन सांद्रक बना रही है जिन्हें सोमवार को विमान से भारत भेजा जायेगा।

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