मुंबई, 15 अप्रैल अमेरिका के प्रमुख वित्तीय संस्थान सिटी बैंक ने बृहस्पतिवार को भारत में उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से बाहर निकलने की घोषणा की। बैंक ने वैश्विक रणनीति के तहत यह कदम उठाया है।
बैंक के इस कारोबार में क्रेडिट कार्ड, खुदरा बैंकिंग, आवास ऋण और संपत्ति प्रबंधन शामिल हैं।
बैंक की भारत में 35 शाखाएं हैं और उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार में करीब 4,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।
बैंक ने बृहस्पतिवार को 13 देशों से उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से निकलने की घोषणा की। सिटी बैंक के वैश्विक सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) जेन फ्रेजर ने इस निर्णय का कारण इन क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा में पैमाने का अभाव बताया।
हालांकि फिलहाल इस खंड से बाहर होने की रूपरेखा का पता नहीं चला है और उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से बाहर निकलने के प्रस्ताव को लेकर नियामकीय मंजूरी की जरूरत होगी।
सिटी इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशु खुल्लर ने कहा, ‘‘इस घोषणा से हमारे परिचालन में कोई बदलाव नहीं होगा और सहकर्मियों पर भी कोई तत्काल प्रभाव नहीं होगा। इस दौरान हम अपने अपने ग्राहकों को पहले की तरह सेवा देते रहेंगे।’’
सिटी बैंक ने 1902 में भारत में कदम रखा था और 1985 में उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार में कदम रखा।
संस्थागत बैंकिंग कारोबार के अलावा, सिटी अपने मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, चेन्नई और गुरुग्राम केंद्रों से वैश्विक कारोबार पर ध्यान देता रहेगा।
सिटी को वित्त वर्ष 2019-20 में 4,912 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 4,185 करोड़ रुपये था।
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