उन्होंने दावा किया कि मॉस्को ऐसा करके रूसी बलों से निपटने के ‘‘यूक्रेनी अवाम के हौसले को तोड़ना चाहता है’’, जो कीव पर उसका आक्रमण नहीं कर सका. ब्लिंकन ने अमेरिका द्वारा बुलाई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि युद्ध से काला सागर के कई इलाकों में समुद्री व्यापार रुक गया है और यह क्षेत्र नौवहन के लिए असुरक्षित हो गया है, जिससे यूक्रेन के कृषि उत्पादों का निर्यात बाधित हो गया है और वैश्विक खाद्य आपूर्ति अस्थिर हो गई है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 के कारण ‘‘वैश्विक स्तर पर भूख की अभूतपूर्व समस्या’’ पैदा हो गई है तथा इस युद्ध ने स्थिति को और बदतर बना दिया है. उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से रूसी नौसेना उत्तर-पश्चिमी काला सागर और अजोव सागर को नियंत्रित करने तथा यूक्रेनी बंदरगाहों को अवरुद्ध करने की कोशिश कर रही है, जिसे अमेरिका सामान की आवाजाही को बाधित करने के ‘‘सोचे-समझे प्रयास’’ के तौर पर देखता है.
ब्लिंकन ने कहा, ‘‘रूस सरकार के इन कदमों के चलते करीब दो करोड़ टन अनाज यूक्रेन के भूमिगत गोदामों में रखा हुआ है, जबकि वैश्विक स्तर पर खाद्य आपूर्ति घट गई है, कीमतें आसमान छू रही हैं और दुनियाभर में अधिक संख्या में लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.’’ बैठक में संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वैसिली नेबेंजिया ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के इन दावों को ‘‘पूरी तरह से झूठा’’ बताया कि ‘‘रूस सभी को भूखा मारना चाहता है, जबकि केवल अमेरिका और यूक्रेन इस बात को लेकर चिंतित हैं कि लोगों की जान कैसे बचाई जाए.’’ नेबेंजिया ने कहा, ‘‘आप कहते हैं कि हम कृषि उत्पादों को समुद्र के रास्ते यूक्रेन से बाहर ले जाए जाने से रोक रहे हैं. यह भी पढ़ें : India in America: भारत-अमेरिका के बीच मजबूत दोस्ती का प्रतीक हैं आम- राजदूत तरनजीत संधू तरनजीत संधू
हालांकि, सच्चाई यह है कि रूस ने नहीं, बल्कि यूक्रेन ने निकोलेव, खेरसॉन, चेर्नोमोर्स्क, मारियुपोल, ओचाकोव, ओडेसा और युझनि बंदरगाहों में 17 राज्यों के 75 जहाजों को रोक दिया है.’’ ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका और कई अन्य देशों द्वारा लगाए प्रतिबंध रूस को अनाज तथा उर्वरकों का निर्यात करने से नहीं रोक रहे हैं, क्योंकि ये खाद्यान्न, उर्वरक और बीज के निर्यात के मामले में छूट देते हैं. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य प्रमुख डेविड बीसले ने सुरक्षा परिषद को आगाह किया कि यूक्रेन में युद्ध ने बढ़ती खाद्य कीमतों का ‘‘अभूतपूर्व संकट’’ पैदा कर दिया है और इससे कम से कम 4.7 करोड़ अतिरिक्त लोग ‘‘भुखमरी की ओर बढ़ेंगे’’, जबकि यूक्रेन पर रूस के हमले से पहले ही दुनियाभर में 27.6 करोड़ लोग इस संकट से गुजर रहे थे.