नयी दिल्ली, 11 अगस्त मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर अवकाशग्रहण कर रहे सदस्यों को विदाई दी गई। विभिन्न दलों के सदस्यों ने अवकाश ग्रहण कर रहे सांसदों को विदाई दी। इस दौरान, अवकाशग्रहण कर रहे सदस्यों ने अपने अनुभव भी सदन के साथ साझा किए।
इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन सदन में विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू कर दी। कुछ सदस्य आसन के समीप भी आ गए। विपक्षी सदस्य मणिपुर मुद्दे पर सरकार से जवाब और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सदन में आने की मांग कर रहे थे।
हंगामे पर दुख जताते हुए सभापति ने कहा कि आज का दिन सोचने व चिंता करने का है कि हमने क्या खोया और क्या पाया। उन्होंने कहा कि अगर 20 जुलाई को ही उनकी बात मान ली जाती तो यहां भी लोकसभा की तरह मणिपुर मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होती। उन्होंने कहा कि विपक्ष यह मौका चूक गया।
इसके बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा और सभापति ने 12 बजकर 43 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह बैठक शुरू होने पर विभिन्न मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सत्ता पक्ष के सदस्य राजस्थान में कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे, वहीं विपक्षी सदस्य प्रधानमंत्री को सदन में बुलाए जाने की मांग कर रहे थे।
सभापति जगदीप धनखड़ ने दोनों पक्षों से सदन में व्यवस्था बनाने और सदन को सुचारू रूप से चलने देने का अनुरोध किया लेकिन हंगामा जारी रहने पर उन्होंने उच्च सदन की कार्यवाही करीब 11 बजकर 40 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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