अयोध्या (उप्र), 29 जनवरी अयोध्या स्थित नवनिर्मित राम मंदिर में आगामी 14 फरवरी को बसंत पंचमी उत्सव को भव्य स्तर पर मनाने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने विभिन्न हिन्दू पर्वों की एक सूची तैयार की है जिन्हें साल की 12 महत्वपूर्ण तिथियों पर मंदिर में मनाया जा सकता है। न्यास के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद अब सभी धार्मिक आयोजनों और त्योहारों को हिंदू परंपराओं के अनुसार मनाने की तैयारी की जा रही है। ट्रस्ट ने त्योहारों की एक विस्तृत सूची तैयार की है।
उन्होंने बताया कि रामनवमी अयोध्या के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है और उससे पहले बसंत पंचमी का पर्व आता है। यह त्योहार क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। इस दिन सरस्वती पूजा भी होती है।
गिरि ने बताया कि इसके अलावा सीता नवमी, नरसिम्हा जयंती, सावन झूला उत्सव, जन्माष्टमी, विजयादशमी, शरद पूर्णिमा और फिर दीपावली भव्य स्तर पर मनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि साथ ही विवाह पंचमी और मकर संक्रांति जैसे त्योहारों को भी भव्यता के साथ मनाया जाएगा।
इस बीच, मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर के रुके हुए कार्यों को फिर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है। मंदिर के पश्चिमी हिस्से में दो टावर खड़े किये जा रहे हैं। आगामी 15 फरवरी से निर्माण कार्य के लिए श्रमिक भी यहां पहुंचेंगे। इसके लिए निर्माण कंपनी ‘एलएंडटी’ ने भी तैयारी शुरू कर दी है।
राम मंदिर निर्माण से जुड़े मार्बल विशेषज्ञ रोहित भाटिया ने बताया कि 15 फरवरी के बाद सभी श्रमिक अपने काम पर लौट आएंगे। राम जन्मभूमि परिसर में लगी मशीनों को दोबारा व्यवस्थित करने का काम शुरू कर दिया गया है ताकि श्रमिकों के आने के बाद काम शुरू हो सके। निर्माण कार्य के लिए लगभग 3,500 श्रमिक को लगाया जा रहा है।
न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा, ‘‘मंदिर की पहली मंजिल का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब दूसरी मंजिल और शिखर का काम शुरू होगा। हमने समय पर निर्माण पूरा करने के लिए इसका काम फिर से शुरू करने की तैयारी कर ली है।’’
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