अयोध्या/वाराणसी, एक जनवरी उत्तर प्रदेश के अयोध्या, मथुरा, मिर्जापुर और वाराणसी के मंदिरों में बुधवार को नए साल के पहले दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
अयोध्या में जहां भगवान राम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी तो वहीं वाराणसी में मंगलवार देर रात तीन बजे से ही श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर में जमा होने लगे।
अधिकारियों के मुताबिक, नव वर्ष की पूर्व संध्या पर अयोध्या में दो लाख से अधिक भक्त आ चुके थे और बुधवार सुबह लगभग तीन लाख से अधिक लोग राम लला के दर्शन के लिए पहुंचे।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालु राम लला के दर्शन के लिए कतार में खड़े थे और भक्तों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शहर को कई सेक्टरों और जोन में विभाजित किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और इस दौरान चौबीसों घंटे वाहनों की जांच की गई।
उन्होंने बताया कि हनुमानगढ़ी मंदिर में भी ऐसा ही नजा देखने को मिला, जहां सुबह की आरती से लेकर शाम की शयन आरती तक भीड़ लगी रही।
अधिकारियों के मुताबिक, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने राम जन्मभूमि पथ पर 10 अतिरिक्त आगंतुक दीर्घाएं तैयार की थीं, जिससे दर्शन के लिए लाइनों की संख्या 10 से बढ़कर 20 हो गई।
पुलिस उपाधीक्षक (अयोध्या) आशुतोष तिवारी ने बताया कि शहर को सात सुरक्षा सेक्टरों और 24 जोन में विभाजित किया गया था, जिसमें प्रत्येक क्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारी तैनात किए गए थे।
उन्होंने बताया कि भीड़भाड़ वाले स्थानों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया और भीड़भाड़ से बचने व लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यातायात की आवाजाही को सख्ती से नियंत्रित किया गया।
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक बयान में बताया कि सर्दियों के मौसम और छुट्टियों के कारण आगंतुकों की संख्या में वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि स्कूल, अदालतें और कृषि कार्य बंद होने के कारण लोग छुट्टियां मनाने गोवा, नैनीताल, शिमला या मसूरी जैसे पारंपरिक पर्यटन स्थल जाने के बजाये अयोध्या आना पसंद करते हैं।
वहीं वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देर शाम तक बनी रही।
मंदिर प्रशासन ने बताया कि शाम चार बजे तक करीब साढ़े तीन लाख भक्त मंदिर में पूजा करने और बाबा काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद लेने के लिए दर्शन कर चुके थे।
मंदिर प्रशासन ने बताया कि रात आठ बजे तक, करीब लाख से अधिक भक्तों ने पूजा-अर्चना की और बाबा श्री काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद लिया।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की पुष्टि करते हुए कहा कि 28 दिसंबर से ही श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
उन्होंने बताया कि नव वर्ष के अवसर पर मंदिर प्रशासन ने भारी भीड़ का अनुमान लगाया था और स्थिति को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिए कदम उठाए थे।
मिश्रा ने बताया, “सुबह से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी और शाम चार बजे तक साढ़े तीन लाख श्रद्धालु आ चुके थे। संख्या लगातार बढ़ रही है और श्रद्धालु अब भी दर्शन के लिए कतार में लगे हुए हैं।”
मंदिर प्रशासन ने भारी भीड़ को देखते हुए कुछ प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें 31 दिसंबर और एक जनवरी को बाबा के ‘स्पर्श दर्शन’ पर रोक, गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध और तीर्थयात्रियों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए मैदागिन से गोदौलिया मार्ग पर वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध शामिल हैं।
पुलिस उपायुक्त (काशी जोन) गौरव बंसल ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में पांच सेक्टर बनाए गए हैं और 45 ड्यूटी स्थल तैयार किये गए हैं।
उन्होंने बताया कि शहर भर के प्रमुख मंदिरों और घाटों पर भी सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें बाबा काल भैरव मंदिर व संकट मोचन मंदिर शामिल हैं, जहां क्रमशः 11 और आठ ड्यूटी प्वाइंट बनाए गए हैं।
मिश्रा ने बताया कि नव वर्ष के जश्न में भारी भीड़ उमड़ने की आशंका को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), जल पुलिस और प्रादेशिक सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) समेत विशेष बल विभिन्न घाटों पर तैनात किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि आपात स्थिति में 12 त्वरित प्रतिक्रिया दल किसी भी आपदा या दुर्घटना पर तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
मथुरा में नववर्ष की पूर्व संध्या एवं साल के पहले दिन मथुरा, वृन्दावन के मंदिरों में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ी।
नववर्ष के पहले दिन ही बांकेबिहारी का आशीर्वाद पाने के लिए केंद्रीय मंत्री (सूचना प्रसारण, खेल एवं युवा मामले) अनुराम ठाकुर भी बुधवार को वृन्दावन पहुंचे।
जिला पर्यटन अधिकारी ऐहतराम अली ने बताया कि मथुरा के सभी प्रमुख मंदिरों के बाहर सुबह से देर शाम तक श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं।
उन्होंने बताया कि शीतकालीन अवकाश के चलते भी इन दिनों उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) सहित हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार आदि राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं।
जिले के गोवर्धन में दानघाटी मंदिर के पुजारी पवन कौशिक ने बताया कि करीब सात से आठ लाख श्रद्धालुओं ने पहाड़ी की परिक्रमा में हिस्सा लिया, जिससे पूरे दिन मंदिर में भीड़ रही।
द्वारकाधीश मंदिर में नए साल का जश्न खास तरीके से मनाया गया। मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी राकेश तिवारी ने बताया कि भगवान को खास ‘सूखे मेवों’ से सजाया गया। महंत आचार्य बागीश महाराज द्वारा की गई आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
वृंदावन के मदन मोहन मंदिर में भगवान को खास पोशाक पहनाई गई और उन्हें कई तरह के प्रसाद चढ़ाए गए।
मिर्जापुर में, मां विंध्यवासिनी धाम में आधी रात के बाद से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि शाम तक 1.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। उन्होंने कहा कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए 500 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया।
पंड समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बेहतर प्रबंधन के लिए प्रशासन की प्रशंसा की।
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