उज्जैन, 12 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की समृद्धि और ज्ञान का नेतृत्व किया है; आज नया भारत अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है और आस्था के साथ-साथ विज्ञान व शोध की परंपरा को पुनर्जीवित कर रहा है. धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करने और 856 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘‘श्री महाकाल लोक’’ गलियारा परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करने के बाद मंगलवार शाम को एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह परियोजना उज्जैन की जीवंतता को बढ़ाएगी. उन्होंने कहा कि ‘महाकाल लोक’ की भव्यता आने वाली पीढ़ियों को ‘सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेताना’ देगी. मोदी ने ‘ हर हर महादेव’ के नारे से अपना संबोधन शुरू किया और कहा, ‘‘शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है. सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है. अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है.’’
उन्होंने कहा कि आज नया भारत जब अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, तो आस्था के साथ साथ विज्ञान और शोध की परंपरा को भी पुनर्जीवित कर रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ उज्जैन के क्षण-क्षण में,पल-पल में इतिहास सिमटा हुआ है, कण-कण में आध्यात्म समाया हुआ है, और कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है. उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की सम्पन्नता और समृद्धि का, ज्ञान और गरिमा का, सभ्यता और साहित्य का नेतृत्व किया है. ’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां ‘इनोवेशन’ (नवोन्मेष) है वहीं पर रिनोवेशन (जीर्णोद्धार) भी है. हमने गुलामी के काल में जो खोया, भारत उसका नवीनीकरण कर रहा है और गौरव व वैभव की पुनर्स्थापना हो रही है. इसका लाभ भारत के साथ पूरे विश्व को, मानवता को मिलेगा. मोदी ने कहा, ‘‘ आजादी के अमृत काल में भारत ने ‘गुलामी की मानसिकता से मुक्ति’ और अपनी ‘विरासत पर गर्व’ जैसे पंचप्राण का आह्वान किया हैं. इसीलिए, आज अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है. काशी में विश्वनाथ धाम, भारत की सांस्कृतिक राजधानी का गौरव बढ़ा रहा है. सोमनाथ में विकास के कार्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. यह भी पढ़ें : Video: रामलीला में भगवान शिव का किरदार निभा रहा शख्स आरती के दौरान स्टेज पर गिरा, हुई मौत
उत्तराखंड में बाबा केदार के आशीर्वाद से केदारनाथ-बद्रीनाथ तीर्थ क्षेत्र में विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं. आजादी के बाद पहली बार चारधाम परियोजना के जरिए हमारे चारों धाम ऑल वेदर रोड्स (सभी मौसम में सुगम सड़क)से जुड़ने जा रहे हैं. इतना ही नहीं, आजादी के बाद पहली बार करतारपुर साहिब कॉरिडॉर खुला है, हेमकुंट साहिब रोपवे से जुड़ने जा रहा है.’’ कार्यक्रम से पहले मोदी ने महाकालेश्वर मंदिर में बने 900 मीटर से अधिक लंबे महाकाल लोक गलियारे का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, ‘‘ महाकाल लोक की ये भव्यता भी समय की सीमाओं से परे आने वाली कई-कई पीढ़ियों को अलौकिक दिव्यता के दर्शन कराएगी, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को ऊर्जा देगी.’’ मोदी ने कहा कि भगवान शिव अविनाशी हैं और महाकाल की नगरी (उज्जैन) काल गणना से परे है. उन्होंने कहा कि ‘‘महाकाल का आशीर्वाद जब मिलता हैं तो समय की सीमाएं सिमट जाती हैं और अनंत के अवसर शुरु होते हैं.
अंत से अनंत यात्रा आरंभ हो जाती है. महाकाल लोक की ये भव्यता भी समय की सीमाओं से परे आने वाली कई-कई पीढ़ियों को अलौकिक दिव्यता के दर्शन कराएगी और भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को ऊर्जा देगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इल्तुतमिश जैसे आक्रमणकारियों ने उज्जैन की ऊर्जा को भी नष्ट करने के प्रयास किए. लेकिन हमारे ऋषियों ने कहा है- महाकाल शिव की शरण में, मृत्यु भी हमारा क्या कर लेगी? और इसलिए, भारत अपनी आस्था के इन प्रामाणिक केन्द्रों की ऊर्जा से फिर पुनर्जीवित हो उठा.’’ मोदी ने कहा कि यह एक यादगार दिन है क्योंकि श्री महाकाल लोक का उद्घाटन हो रहा है जो उज्जैन की जीवंतता को बढ़ाएगा.
उन्होंने कहा कि महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता पूरे विश्व के विकास के लिए नई संभावनाओं को जन्म देगी एवं भारत की दिव्यता पूरे विश्व के लिए शांति के मार्ग प्रशस्त करेगी. मोदी ने कहा कि उज्जैन जैसे हमारे स्थान खगोल विज्ञान, ‘एस्ट्रोनॉमी’ से जुड़े शोधों के शीर्ष केंद्र रहे हैं तथा आज नया भारत जब अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, तो आस्था के साथ-साथ विज्ञान और शोध की परंपरा को भी पुनर्जीवित कर रहा है. मोदी ने अपना भाषण समाप्त करने से पहले लोगों से ‘‘ जय महाकाल, जय महाकाल’’ के नारे लगाने की अपील की. प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने प्रधानमंत्री के सामने मंच पर भगवान महाकाल की स्तुति में उनके द्वारा रचित गीत गाया. संबोधन से पहले मोदी ने महाकालेश्वर मंदिर में बने 900 मीटर से अधिक लंबे महाकाल लोक गलियारे का उद्घाटन किया तथा महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की.