कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से मुक्ति के लिए चैत्र नवरात्र की महाष्टमी के मौके पर उज्जैन (Ujjain) में देवी को शराब चढ़ाई गई. परंपरा के अनुसार अष्टमी के मौके पर चौबीस खंभा माता मंदिर में विशेष पूजा अर्चना हुई और जिलाधिकारी आशीष सिंह आरती में शामिल हुए और देवी को शराब का प्रसाद लगाया. मान्यता है कि राजा विक्रमादित्य नवरात्र की अष्टमी के मौके पर अपने राज्य की प्रजा की सुख समृद्धि और महामारी से बचाव के लिए देवी महामाया और देवी महालाया की विषेष पूजा अर्चना कर शराब चढ़ते थे. उसी परंपरा का अब भी पालन हो रहा है. जिलाधिकारी अष्टमी के मौके पर पूजा अर्चना करते हुए और शराब का प्रसाद लागते हैं. यह भी पढ़ें- कोटा में रोज-रोज की पिटाई से परेशान नाबालिग ने शराबी पिता को कुल्हाड़ी से काट डाला.
पुरानी परंपरा के अनुसार मंगलवार को अष्टमी के मौके पर जिलाधिकारी अशीष सिंह ने देवी महामाया और महालाया की पूजा अर्चना की अैर शराब चढ़ाकर महामारी कोरोना से मुक्ति की कामना की.
इस महापूजा में लगभग 27 किलोमीटर में 40 मंदिरों में मदिरा का भोग लगाया जाता है. यह यात्रा उज्जैन के प्रसिद्ध माता मंदिर 24 खंबामाता मंदिर से प्रारंभ होकर ज्योतिलिर्ंग महाकालेश्वर पर शिखर ध्वज चढ़ाकर समाप्त होती है. इस यात्रा की खास बात यह होती है कि एक घड़े में मदिरा को भरा जाता है जिसमें नीचे छेद होता है, जिससे पूरी यात्रा के दौरान मदिरा की धार बहाई जाती है जो टूटती नहीं है.