मुंबई, 12 जनवरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद नारायण राणे ने स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने के शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे के फैसले को लेकर उन पर निशाना साधते हुए रविवार को आरोप लगाया कि उद्धव का आत्मविश्वास और उनकी ताकत कम हो चुकी है।
शिवसेना (उबाठा) ने शनिवार को स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की। इससे विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) की एकता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत ने एमवीए गठबंधन में संबंधित राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के लिए अवसरों की कमी और अपनी पार्टी के संगठनात्मक विकास के अधिकार को अकेले चुनाव लड़ने के प्रमुख कारणों के रूप में उद्धृत किया है।
राउत ने कहा कि ‘इंडिया’ गुट और एमवीए गठबंधन - जिसमें शिवसेना (उबाठा), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं - लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के लिए बने हैं।
राणे ने शिवसेना (उबाठा) के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले को लेकर कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे एक समय आत्मविश्वास से बात करते थे, लेकिन अब उनकी ताकत कम हो गई है। अगर वे अकेले चुनाव लड़ेंगे तो क्या होगा? पार्टी में अब वह क्षमता नहीं रही। ढाई साल में उन्होंने वह खो दिया जो बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व में 46 साल में हासिल हुआ था।’’
स्थानीय निकाय चुनावों में शिवसेना (उबाठा) द्वारा अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब ऐसी अफवाहें हैं कि वह भाजपा और फडणवीस की ''राजनीति में कुछ भी हो सकता है'' टिप्पणी की आलोचना करने में नरमी बरत रही है।
शिवसेना (उबाठा) और भाजपा के बीच बढ़ती नजदीकियों के बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मुझे यह ठीक लगता है। वरिष्ठ नेता इस पर निर्णय लेंगे और हम इसे स्वीकार करेंगे।’’
उन्होंने इस पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या भाजपा स्थानीय निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगी।
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