अस्पताल के एक कर्मचारी ने कम से कम 30 शवों की पुष्टि की और कहा कि संख्या बढ़ भी सकती है. मोगादिशू में यह हमला उस दिन हुआ जब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी हिंसक उग्रवाद खासकर अल-कायदा से जुड़े अल-शबाब समूह से निपटने के मकसद से विस्तारित प्रयासों पर चर्चा करने के लिए बैठक कर रहे थे. इस स्थान पर पांच वर्ष पूर्व भी भीषण विस्फोट हुआ था, जिसमें 500 से अधिक लोग मारे गए थे. बहरहाल, शनिवार को हुए हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है. राष्ट्रपति हसन शेख महमूद ने हमले को “क्रूर और कायरतापूर्ण” बताते हुए इसके लिए अल-शबाब को दोषी ठहराया है. मदीना अस्पताल के एक स्वयंसेवक हसन उस्मान ने कहा, “अस्पताल में लाए गए कम से कम 30 मृत लोगों में से अधिकांश महिलाएं हैं. मैंने खुद देखा है.”
आमीन एम्बुलेंस सेवा ने बताया कि उसने कम से कम 35 घायलों को अस्पताल पहुंचाया है. एम्बुलेंस सेवा के निदेशक अब्दुलकादिर अदन ने एक ट्वीट में कहा, “पहले हमले में घायल लोगों की मदद करने वाली एक एम्बुलेंस दूसरे विस्फोट से नष्ट हो गई.” एक प्रत्यक्षदर्शी अब्दिरजाक हसन ने कहा, “जब दूसरा धमाका हुआ तब मैं 100 मीटर दूर था. मैं जमीन पर पड़े शवों की गिनती नहीं कर सका.” उसने कहा कि पहला धमाका शिक्षा मंत्रालय की चारदीवारी के बाहर हुआ, जहां फेरीवाले और मुद्रा परिवर्तित करने वाले मौजूद थे. यह भी पढ़ें : दिल्ली पुलिस की मदद से तीन लावारिस बच्चों को मिला परिवार
घटनास्थल पर मौजूद एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के एक पत्रकार ने कहा कि दूसरा विस्फोट एक व्यस्त रेस्तरां के सामने दोपहर में हुआ. पत्रकार ने कहा कि बड़ी संख्या में शव सड़कों पर थे, वे सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने वाले आम लोग प्रतीत होते हैं. ’सोमालिया जर्नलिस्ट्स सिंडिकेट’ ने अपने सहयोगियों और पुलिस का हवाला देते हुए बताया कि दूसरे विस्फोट में एक पत्रकार की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए.