वॉशिंगटन, 27 मई अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आरोप लगाया है कि ट्विटर अमेरिकी चुनाव में ‘‘हस्तक्षेप’’ कर रहा है और बोलने की आजादी का ‘‘पूरी तरह दम घोंट रहा’’ है. ट्रम्प ने ऐसे समय पर यह आरोप लगाया है जब सोशल मीडिया साइट ने ट्रम्प के किसी ट्वीट पर पहली बार तथ्य की जांच करने संबंधी चेतावनी जारी की है. ट्विटर ने मंगलवार को ट्रम्प के उस ट्वीट पर यह चेतावनी जारी की थी, जिसमें ट्रम्प ने मेल के जरिए मतदान को ‘‘फर्जीवाड़ा’’ बताया था और भविष्यवाणी करते हुए चेताया था कि इन ‘‘मेल बॉक्स को लूट लिया’’ जाएगा.
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ट्रम्प ने ट्विटर की चेतावनी के बाद मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘ट्विटर अब 2020 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा है. उनका कहना है कि मेल के जरिए मतदान संबंधी मेरा यह बयान गलत है कि इससे व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा फैलेगा. उसका यह कथन फर्जी समाचार देने वाले सीएनएन और एमेजॉन वाशिंगटन पोस्ट की तथ्य संबंधी जांच पर आधारित है.’’
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उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ट्विटर बोलने की आजादी का दम घोंट रहा है और मैं एक राष्ट्रपति के रूप में ऐसा करने की अनुमति कतई नहीं दूंगा.’’ ट्विटर ने गलत सूचना को फैलने से रोकने के लिए तथ्य की जांच संबंधी नई प्रणाली शुरू की है.
ट्विटर ने ट्रम्प के ट्वीट पर चेतावनी जारी करते हुए लिखा था, ‘‘मेल के जरिए मतदान से जुड़े तथ्यों का पता लगाएं’’. इसके साथ ही उसने ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ और ‘सीएनएन’ जैसे मीडिया संस्थानों की विभिन्न खबरों के लिंक भी संलग्न किए. ट्रम्प ने ट्वीट किया था कि मेल के जरिए मतदान फर्जीवाड़े से कम नहीं होगा.
उन्होंने कहा था, ‘‘मेल बॉक्स लूट लिए जाएंगे, मत पत्रों में फर्जीवाड़ा किया जाएगा, उन्हें अवैध तरीके से छापा जाएगा और धोखाधड़ी से हस्ताक्षर किए जाएंगे. कैलिफोर्निया के गर्वनर लाखों लोगों को मतपत्र भेज रहे हैं... ’’ इसी ट्वीट के बाद ट्विटर ने तथ्य संबंधी जांच को लेकर चेतावनी जारी की थी.
ट्विटर के प्रवक्ता ट्रेंटन केनेडी ने कहा कि हालांकि ट्रम्प का मेल के जरिए मतदान संबंधी ट्वीट ट्विटर के नियमों का उल्लंघन नहीं करता क्योंकि ‘‘यह लोगों को मतदान करने से प्रत्यक्ष रूप से मना नहीं करता है’’, लेकिन इसमें ‘‘मतदान प्रक्रिया, खासकर मेल के जरिए मतदान के बारे में भ्रामक जानकारी’’ दी गई है.
ट्रम्प की चुनाव प्रचार मुहिम टीम ने आरोप लगाया कि ट्विटर राष्ट्रपति को मतदाताओं तक अपना संदेश पहुंचाने से रोक रहा है।
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