विदेश की खबरें | नाटो में फिनलैंड-स्वीडन के शामिल होने के पक्ष में नहीं तुर्की

एर्दोआन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम स्वीडन और फिनलैंड के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं, लेकिन हमारा रुख पक्ष में नहीं है।’’

उधर, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बदले सुरक्षा परिवेश में नार्डिक देशों के समक्ष चुनौतियों पर केंद्रित स्वीडिश सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि नाटो में स्वीडन के शामिल होने पर मास्को नकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया व्यक्त करेगा और वह कई जवाबी कदम उठा सकता है।

स्वीडन के प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडर्सन की कैबिनेट देश को नाटो में शामिल होने को लेकर क्या फैसला लेगी, यह स्वीडन की सरकार की उस रिपोर्ट पर तय होगा जिसमें सुरक्षा नीति का विश्लेषण किया गया है। सरकार ने यह रिपोर्ट सांसदों को शुक्रवार को सौंप दी।

रिपोर्ट में नाटो में शामिल होने के कई फायदे गिनाए गए हैं, जिसके तहत 30 सदस्य देशों की संयुक्त सेना सामूहिक सुरक्षा प्रदान करेगी। लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि इसके जवाब में रूस कई तरह के हथकंडे अपना सकता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के ‘हाइब्रिड’ और साइबर हमले और स्वीडन के वायु और समुद्री सीमा का उल्लंघन शामिल है।

रिपोर्ट के मुताबिक मॉस्को परमाणु हथियारों की रणनीतिक तैनाती भी कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन के खिलाफ जारी रूस के हमले से दूसरों देशों पर हमले की संभावना कम है, लेकिन रूस के पास अब भी क्षमता है कि वह स्वीडन जैसे देशों के खिलाफ सीमित संख्या में शत्रुपूर्ण कार्रवाई कर सकता है।

रिपोर्ट में यह सिफारिश नहीं की गई है कि स्वीडन को नाटो में शामिल होना चाहिये या नहीं।

हालांकि, स्वीडन के विदेश मंत्री एन लिंडे ने सांसदों से कहा कि स्वीडन पर सैन्य हमले को खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने उस सुरक्षा गारंटी की ओर इशारा किया जो नाटो की सदस्यता हासिल करने के बाद मिलेगी।

इसके पहले फिनलैंड के राष्ट्रपति ने कहा था कि वह नाटो की सदस्यता के लिए तेजी से आवेदन करने के पक्षधर हैं। इससे फिनलैंड के आने वाले दिनों में नाटो में शामिल होने का ऐलान करने का रास्ता साफ हो गया है।

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