त्रिपुरा सरकार ने कोविड-19 जांच किट खरीद में पैसों के दुरुपयोग की जांच के आदेश दिए
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अगरतला, 25 अप्रैल त्रिपुरा सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कोविड-19 जांच किट और अन्य सामग्रियों की खरीद में पैसों की कथित हेराफेरी में जांच के आदेश दिए हैं। एक मंत्री ने शनिवार को बताया कि ‘‘तटस्थ जांच” के लिए सरकार ने दो अधिकारियों को उनके पद से फिलहाल के लिए हटा भी दिया है।

राज्य के कानून मंत्री रतनलाल नाथ ने कहा कि वित्त सचिव तनुश्री देबबर्मा और शहरी विकास विभाग की सचिव किरण गिट्टे को संसाधन के दुरुपयोग की जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

नाथ ने कहा, “मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा विधायक सुदीप रॉय बर्मन के पत्र पर मामले में जांच के आदेश दिए हैं जिसमें उन्होंने कोविड-19 जांच किट खरीद में सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।”

उन्होंने बताया कि “निष्पक्ष एवं तटस्थ जांच’’ के लिए राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ देबाशीष बसु और एनएचएम की निदेशक अदिति मजूमदार को उनके वर्तमान पद से हटा दिया गया है।

रॉय बर्मन ने आरोप लगाया कि हैंड सैनेटाइजर की बोतलों को केंद्र की ओर से तय अधिकतम कीमत से ज्यादा दाम पर खरीदा गया।

रॉय बर्मन ने अपने पत्र में आरोप लगाया, “केंद्र ने 200 मिलिलीटर की हैंड सैनेटाइजर की बोतल के लिए गजट अधिसूचना में अधिकतम 100 रुपये कीमत तय की है। अन्य मात्रा वाली हैंड सैनेटाइजर की बोतल की कीमत उसी अनुपात में तय की जानी चाहिेए थी।”

उन्होंने कहा, “एनएचएम के मिशन निदेशक ने केंद्र की तरफ से दिशा-निर्देश जारी किए जाने के करीब 20 दिन बाद 500 मिलिलीटर की हैंड सैनेटाइजर की बोतल जीएसटी समेत 359 रुपये पर खरीदने का ऑर्डर दिया।”

उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देशों के मुताबिक 500 मिलिलीटर की हैंड सैनेटाइजर की बोतल की कीमत 250 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए थी।

बर्मन ने आरोप लगाया कि कोविड-19 संकट और लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों ने उत्पाद की खरीद के लिए केंद्र के निर्देशों का उल्लंघन कर 5,000 बोतलों के लिए 5.45 लाख अतिरिक्त चुकाए।

वर्तमान में मुख्यमंत्री के पास स्वास्थ्य विभाग का अतिरिक्त प्रभार है।

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