देश की खबरें | आदिवासियों को धर्म बदलने बहलाया-फुसलाया जा रहा : उपराष्ट्रपति धनखड़

उदयपुर (राजस्थान), 16 नवंबर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि आदिवासियों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने की दुर्भावनापूर्ण कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासियों से मीठी-मीठी बातें करके, शुभचिंतक होने का दिखावा करके, लालच देकर उनकी आस्था बदलने की कोशिश की जा रही है। मैं इसे दुर्भावनापूर्ण प्रयास मानता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं देश में एक व्यवस्थित, षड्यंत्रकारी और प्रलोभन देने की प्रक्रिया देख रहा हूं जिस पर नियंत्रण लगाने की जरूरत है।’’

धनखड़ उदयपुर में वनवासी कल्याण आश्रम विद्यालय परिसर में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारी सांस्कृतिक विरासत हमारी नींव है। जब नींव हिल जाती है, तो कोई भी इमारत सुरक्षित नहीं रहती।’’

धनखड़ ने कहा कि आज भारत बदल रहा है और सही लोगों को भारत में जगह मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना आदिवासी गौरव का प्रतीक है। मुर्मू राष्ट्रपति हैं, एक किसान का बेटा उपराष्ट्रपति है और प्रधानमंत्री अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में भी ऐसा ही संतुलन है।

बिरसा मुंडा के बारे में धनखड़ ने कहा, ‘‘भगवान बिरसा मुंडा ने देश की आजादी के लिए, जनजाति के लिए, मिट्टी के लिए जो किया वह अकल्पनीय है।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)