नयी दिल्ली, 16 नवंबर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गुजरात की एक फैक्टरी में जहरीली गैस के रिसाव से दो श्रमिकों की मौत के मामले में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा अन्य से जवाब मांगा है।
एनजीटी ने मीडिया की एक खबर का स्वतः संज्ञान लेकर इस मुद्दे पर सुनवाई की। खबर के अनुसार 27 अक्टूबर को अहमदाबाद के नारोल औद्योगिक क्षेत्र में एक कपड़ा फैक्टरी में जहरीले धुआं से दम घुटने से दो श्रमिकों की मौत हो गई और सात को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
खबर में कहा गया कि गैस का रिसाव उस समय हुआ जब छपाई और रंगाई की प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले एसिड को एक टैंक में स्थानांतरित किया जा रहा था।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि मामले में सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम, 1991 और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों की अवहेलना हुई।
पीठ ने सात नवंबर के आदेश में कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा दिया गया था या नहीं। पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे।
पीठ ने कहा कि यह मामला पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन के संबंध में एक ‘‘महत्वपूर्ण मुद्दा’’ उठाता है। पीठ ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अहमदाबाद जिला मजिस्ट्रेट को प्रतिवादी बनाया।
एनजीटी ने प्रतिवादियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया। मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को पुणे में एनजीटी की पश्चिमी क्षेत्रीय पीठ के समक्ष निर्धारित की गई है।
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