कोलंबिया के एक जंगल में पर्यावरणविद दुर्लभ मेंढकों का प्रजनन कर रहे हैं. उनका उद्देश्य इन मेंढकों की तस्करी रोकना है, जिन्हें तस्कर और शिकारी जंगल से चोरी कर रहे हैं.कोलंबिया की राजधानी बोगोटा के पास 'तेसोरोस डे कोलंबिया' (कोलंबिया का खजाना) नाम की प्रयोगशाला में 14 तरह की दुर्लभ मेंढक प्रजातियों को पाला जा रहा है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण 'हार्लेकिन जहर डार्ट मेंढक' भी है. यह प्रजनन पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक विशेष योजना का हिस्सा है, जिसका मकसद तस्करों के अवैध धंधे को कानूनी रूप से पाले गए मेंढकों के जरिए खत्म करना है.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जंगली वनस्पति और जीव-जंतुओं का अवैध व्यापार दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मुनाफे वाला गैरकानूनी कारोबार है, जिसमें हर साल 23 अरब डॉलर की कमाई होती है.
कोलंबिया के काली शहर में इस हफ्ते शुरू होने वाले संयुक्त राष्ट्र के कॉप16 जैव विविधता सम्मेलन में प्रतिनिधि हाथी के दांतों से लेकर पैंगोलिन के छिलकों तक की तस्करी पर चर्चा करेंगे. चीन में इस्तेमाल होने वाले पैंगोलिन को एशियाई देशों में मारा जाता है.
कोलंबिया में दुनिया के लगभग 10 फीसदी उभयचर पाए जाते हैं. इनमें जहर डार्ट मेंढक भी हैं, जिन्हें चोको जंगल से पकड़ा जाता है और विदेशों में तस्करी कर उन्हें सजावट के लिए रखा जाता है. इन मेंढकों का जहर भी तस्करों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है, क्योंकि वे ऐसा जहर निकालते हैं जो सांस की समस्या पैदा कर सकता है.
अवैध व्यापार खत्म करने का तरीका
इस तरह की तस्करी को नियंत्रित करने के लिए, कई देशों ने जंगली जीवों के कानूनी व्यापार को मंजूरी दी है. अन्य देशों में भी प्रजनन योजनाएं चलाई जा रही हैं, जैसे कोस्टा रिका, जो जैव विविधता का एक और केंद्र है, अपने जंगलों की रक्षा के लिए तितलियों के प्रजनन की योजनाएं चला रहा है.
'तेसोरोस डे कोलंबिया' के संस्थापक इवान लोजानो का कहना है कि "अगर मेंढकों की अंतरराष्ट्रीय मांग है, तो यह महत्वपूर्ण है कि कानूनी रूप से पाले गए मेंढक उपलब्ध कराए जाएं, जो नए घरों में भी प्रजनन कर सकें."
कोलंबिया में मेंढक की तस्करी अपराध है, जिसमें पांच से लेकर 12 साल तक की सजा हो सकती है. कोलंबिया, जैव विविधता के मामले में दुनिया में ब्राजील के बाद दूसरे स्थान पर है. लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में तस्करी किए गए उभयचरों पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
वैध व्यापार के फायदे
'तेसोरोस डे कोलंबिया' सात प्रजातियों के मेंढक निर्यात करता है और सात अन्य के लिए परमिट का इंतजार कर रहा है. वेटरनरी तकनीशियन अलेहांद्रा कुरुबो ने बताया, "जब हम इन्हें निर्यात करते हैं, तो हम यह मानते हैं कि ये एक बेहतर जगह जा रहे हैं." उन्होंने गर्व से एक मेंढक दिखाया जो हाल ही में टैडपोल (लार्वा) से पूरा मेंढक बना था.
कोलंबिया से कुछ उभयचर 5,000 किलोमीटर दूर अमेरिका के कॉलोराडो में माइकल हेनरिक्स के टेरारियम में पहुंचे. 65 वर्षीय हेनरिक्स के पास 40 मेंढकों का संग्रह है, जिसमें जहर डार्ट मेंढक भी शामिल है. हेनरिक्स उन्हें अपने 'शांति के स्थान' में रखते हैं.
हेनरिक्स ने कानूनी रूप से व्यापार किए गए हर मेंढक के लिए 1,000 डॉलर यानी लगभग 85 हजार रुपये तक का भुगतान किया. कानूनी रूप से खरीदे गए इन जानवरों पर एक टैग लगा होता है, जिसमें एक खास कोड होता है.
लोजानो का कहना है, "हर मालिक को एक विशिष्ट मेंढक मिलता है, जिसकी पहचान की जा सकती है."
कानूनी रूप से मेंढकों की उपलब्धता से तस्करी किए गए नमूनों की कीमतें घट गई हैं. गोल्डन पॉइजन मेंढक या फाइलोबेट्स टेरीबिलिस की कीमत पहले 150 डॉलर यानी करीब 13 हजार रुपये थी, जो अब घटकर 40 डॉलर यानी करीब साढ़े तीन हजार रुपये हो गई है.
कितना नैतिक है व्यापार
इन फायदों के बावजूद पर्यावरणविद कानूनी वन्यजीवों के व्यापार से ज्यादा खुश नहीं हैं. विज्ञान पत्रिका ‘साइंस' ने हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में चेतावनी दी कि एशिया में पारंपरिक चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाले गैंडे के सींग के बाजार को कानूनी बनाना मांग बढ़ा सकता है और कानून प्रवर्तन के लिए अवैध स्रोतों की पहचान करना कठिन बना सकता है.
लेकिन लोजानो के ग्राहक इसे एक फायदे का सौदा मानते हैं. कॉलोराडो के उनके ग्राहक हेनरिक्स का कहना है, "जब से उन्होंने अमेरिका को निर्यात शुरू किया है, कोलंबिया से जानवरों के अवैध व्यापार का बाजार लगभग सूख गया है."
वह कहते हैं, "आज कोलंबियाई मेंढक अमेरिका में ढूंढना बहुत मुश्किल होगा."
कोलंबियाई पुलिस ने भी तस्करों के खिलाफ अपने प्रयास तेज कर दिए हैं. जनवरी में, एक महिला के पास बोगोटा हवाई अड्डे पर फिल्म कैनिस्टर्स में छिपाए गए 130 जहरीले मेंढक मिले थे, जो लगभग मरने की हालत में थे. लोजानो को उम्मीद है कि जब अंतरराष्ट्रीय मांग कम हो जाएगी तो वह धीरे-धीरे अपने मेंढकों को जंगल में छोड़ सकेंगे.
वीके/एए (एपी)