ठाणे, 5 जुलाई : मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई-स्पीड रेल मार्ग का निर्माण पूरा करने की समयसीमा महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में हुई देरी और कोविड-19 के असर के आकलन के बाद ही तय की जा सकेगी. रेलवे अधिकारियों ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर एक आवेदन के जवाब में यह बात कही है. मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई-स्पीड रेल मार्ग के निर्माण से जुड़ी परियोजना को बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है. ठाणे के एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा दाखिल आवेदन पर नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने सोमवार को जवाब दिया.
एनएचएसआरसीएल ने कहा कि एक विशेष प्रयोजन वाहन बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट0 का संचालन कर रहा था और परियोजना को पूरा करने के लिए साल 2023 का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. हालांकि, एनएचएसआरसीएल ने बताया कि रेल मार्ग को यात्रियों के लिए खोलने की समयसीमा कोविड-19 और उसकी रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के असर के अलावा महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण की गति को आंकने के बाद ही निर्धारित की जा सकेगी. एनएचएसआरसीएल के जवाब के मुताबिक, वन्यजीव, तटीय विनियमन क्षेत्र और वन जैसे मुद्दों से जुड़ी वैधानिक मंजूरी प्राप्त हो चुकी है और 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना पर अब तक कुल 26,872 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. यह भी पढ़ें : भाजपा को जेडीएस के गढ़ हासन जिले में अपना आधार मजबूत करने की उम्मीद
जवाब के अनुसार, “सभी 297 गांवों का संयुक्त माप सर्वेक्षण (जेएमएस) पूरा कर लिया गया है. लगभग 1,396 हेक्टेयर की कुल आवश्यक भूमि में से 1,248 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया जा चुका है. रास्ते में आने वाले कुल 1,651 प्रतिष्ठानों में से 1,506 को स्थानांतरित कर दिया गया है.” आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि गुजरात, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव में 352 किलोमीटर की दूरी पर सिविल कार्य दिसंबर 2020 में शुरू हो चुका है. 508 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड रेल गलियारे में 12 स्टेशन होंगे, जिनमें मुंबई (बीकेसी), ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद/नाडियाड, अहमदाबाद और साबरमती शामिल है.