मलप्पुरम (केरल), 17 मई : केरल के मलप्पुरम में कालीकावु के पास रबर बागान में काम करने वाले एक श्रमिक की जान लेने वाले बाघ की तलाश शनिवार को भी जारी रही. वन विभाग ने यह जानकारी दी. इसी बीच राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर नीलांबुर दक्षिण के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) धनिक लाल को सहायक वन संरक्षक के रूप में तिरुवनंतपुरम स्थानांतरित कर दिया. सरकारी आदेश के अनुसार, यह कदम मुवत्तुपुझा की एक अदालत में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत धनिक लाल के खिलाफ लंबित अभियोजन स्वीकृति के मद्देनजर लिया गया है. कांग्रेस विधायक ए पी अनिलकुमार ने अचानक स्थानांतरण पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे बाघ की तलाश के लिए जारी अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए. उन्होंने कहा, "सरकार के पास किसी अधिकारी को स्थानांतरित करने का निर्णय लेने का अधिकार है, लेकिन इसका परिणाम यह नहीं होना चाहिए कि तलाशी अभियान नेतृत्वविहीन हो जाए."
विधायक ने यह कहा कि सरकार इस आदेश के माध्यम से अपनी गलतियों को छुपा नहीं सकती. धनिक लाल ने पहले बताया था बताया कि बाघ की तलाश के लिए 50 से अधिक कैमरा ट्रैप और थर्मल ड्रोन कैमरों को लगाया गया है, लेकिन अभी तक क्षेत्र में बाघ का कोई सुराग नहीं मिला है. डीएफओ ने एक टीवी चैनल से कहा था, “तलाशी अभियान जारी रहेगा. हम गूगल मैप की भी मदद ले रहे हैं.” डीएफओ ने यह भी कहा था कि कुछ स्थानों पर घनी झाड़ियां हैं, जो बाघ के छिपने के लिए उपयुक्त स्थान हो सकती हैं. यह भी पढ़ें : डिस्प्ले बोर्ड पर कन्नड़ लोगों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी दिखने पर होटल मालिक के खिलाफ प्राथमिकी
उन्होंने कहा, "छिपने की ऐसी जगहों को खत्म करने के लिए हम क्षेत्र के किसान समूहों और पंचायत के साथ चर्चा करेंगे, क्योंकि घनी झाड़ियों को साफ करने के लिए सभी की मदद की आवश्यकता होगी." उन्होंने कहा कि जब तक बाघ मिल नहीं जाता तब तक वन विभाग तलाशी अभियान जारी रखेगा. कैमरों और ड्रोन के अलावा विभाग ने शुक्रवार से ही बाघ की तलाश के लिए कुमकी हाथियों (प्रशिक्षित बंधक हाथी) और 20 वन कर्मियों की तीन टीम को तैनात किया है. रबर बागान में काम करने के लिए जाते समय बृहस्पतिवार को गफूर (45) पर बाघ ने हमला कर दिया था और उसे जंगल में खींच कर ले गया था. गफूर के साथ उस समय उसका एक दोस्त भी मौजूद था.













QuickLY