देहरादून, 25 मई: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले साल फरवरी-मार्च तक वंदे भारत रेलगाड़ियों के तीन प्रारूप- वंदे चेयर कार, वंदे मेट्रो और वंदे शयनयान होंगे.
उन्होंने कहा कि शताब्दी, राजधानी और लोकल ट्रेन की जगह लेने की तैयारी कर रही ये स्वदेशी ‘सेमी-हाई स्पीड’ रेलगाड़ियां चेन्नई के कोच निर्माण कारखाने में बनाई जा रही हैं.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगले तीन से चार वर्षों में वंदे भारत ट्रेनों की अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलेगी. इसके लिए रेलवे पटरियों को अपग्रेड किया जाएगा. इसमें पटरियों को मजबूत करना, नई सिग्नलिंग प्रणाली स्थापित करना और विद्युतीकरण प्रणाली में सुधार करना शामिल है. उन्नयन 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है.
In next three to four years, railway tracks will be upgraded to support maximum speed of 160 kmph of Vande Bharat trains: Railway Minister Ashwini Vaishnaw to PTI
— Press Trust of India (@PTI_News) May 25, 2023
भारत में अब तक कुल 17 वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं. इनमें से कुछ रूट पर तेज गति है तो कुछ की धीमी. वंदे भारत ट्रेनें स्वदेशी रूप से निर्मित सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें हैं, जिन्हें पहली बार 2019 में पेश किया गया था. नई दिल्ली से वाराणसी चलने वाली वंदे भारत देश की पहली सेमी स्पीड ट्रेन थी. 15 फरवरी 2019 को इसकी शुरुआत हुई. इसके बाद 3 अक्टूबर 2019 को दूसरी ट्रेन चली जो दिल्ली से कटरा तक का सफर तय करती है.
वंदे भारत ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे तक की गति से चलने में सक्षम हैं, लेकिन वर्तमान रेलवे ट्रैक इस उच्च गति का समर्थन करने में सक्षम नहीं हैं. रेलवे पटरियों के अपग्रेड होने से वंदे भारत ट्रेनें अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकेंगी और यात्रियों को तेज और अधिक आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान कर सकेंगी.