Maharashtra: ठाणे में सरकारी अस्पताल से नवजात बच्चे का अपहरण करने के मामले में तीन लोगों को सजा
अतिरिक्त लोक अभियोजक वर्षा चांदने ने अदालत को बताया कि 14 जनवरी, 2018 को गुड़िया ने एक सरकारी अस्पताल से चार घंटे पहले जन्म बच्चे का अपहरण किया और घर ले गई. चांदने ने कहा कि इसके बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंची और बच्चे को छुड़ाकर उसके माता-पिता के हवाले कर दिया.
ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे की अदालत ने तीन लोगों को सरकारी अस्पताल से नवजात बच्चे के अपहरण का दोषी पाया और पांच साल, छह महीने के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जी जी भंसाली ने गुड़िया सोनू राजभर (43), उसके पति सोनू (49) और विलास कैलाश श्रीवास्तव (57) को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत दोषी पाया.
अतिरिक्त लोक अभियोजक वर्षा चांदने ने अदालत को बताया कि 14 जनवरी, 2018 को गुड़िया ने एक सरकारी अस्पताल से चार घंटे पहले जन्म बच्चे का अपहरण किया और घर ले गई. चांदने ने कहा कि इसके बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंची और बच्चे को छुड़ाकर उसके माता-पिता के हवाले कर दिया. Thane Shocker: ठाणे के अस्पताल में 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत, इस मामले में प्रशासन ने दो चिकित्सक को किया निलंबित
अदालत को बताया गया कि आरोपी पति-पत्नी ने नवजात को तीसरे आरोपी श्रीवास्तव को सौंपने की योजना बनाई थी. सुनवाई के दौरान पुलिस और विशेषज्ञों समेत अभियोजन पक्ष के 18 गवाहों की गवाही ली गई.
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