लंदन, 29 सितंबर दक्षिण-पूर्वी इंग्लैंड के बर्कशायर में स्थित विंडसर कैसल, जो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का समाधि स्थल है, उसके दरवाजे बृहस्पतिवार को आम जनता के लिए एक बार फिर खोल दिए गए।
सितंबर की शुरुआत में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद विंडसर कैसल को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था।
विंडसर कैसल महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निजी शाही आवास था। 2020 में कोविड-19 की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगाए जाने के बाद महारानी अपना काफी समय इस महल में गुजारती थीं। आम लोग बृहस्पतिवार से विंडसर कैसल का दौरा कर सकेंगे। इस बाबत उन्हें 27 पाउंड का टिकट लेना होगा।
इस सप्ताह से आगंतुक पहली बार सेंट जॉर्ज चैपल के जॉर्ज षष्टम मेमोरियल चैपल में लगाए गए दिवंगत महारानी के नाम वाले पत्थर को देख पाएंगे, जहां उनके पार्थिव शरीर को पिछले हफ्ते उनके पति प्रिंस फिलिप की कब्र के बगल में दफनाया गया था।
लगभग 900 साल पुराने विंडसर कैसल को मौजूदा समय में दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा रिहायशी किला माना जाता है। 11वीं सदी में इंग्लैंड पर आक्रमण के दौरान नॉर्मन सेना का नेतृत्व करने वाले ड्यूक विलियम द्वितीय ने इस किले को बनवाया था। तब से लेकर अब तक 40 ब्रिटिश सम्राट/सम्राज्ञी इसमें रह चुके हैं।
19 सितंबर को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर को जॉर्ज षष्टम मेमोरियल चैपल में दफनाया गया था। इसके बाद, ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस फिलिप के ताबूत को सेंट जॉर्ज चैपल के रॉयल वॉल्ट से हटाकर जॉर्ज षष्टम मेमोरियल चैपल में ले जाया गया था, जहां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पिता महाराजा जॉर्ज और मां एलिजाबेथ प्रथम के ताबूत भी मौजूद हैं।
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