नयी दिल्ली, 16 मार्च कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के बाद शनिवार को कहा कि वह इस चुनावी मुकाबले के लिए तैयार हैं तथा यह चुनाव आम नहीं, बल्कि खास है क्योंकि इसमें देश के लोकतंत्र के भविष्य का फैसला होगा।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह चुनाव लोकतंत्र एवं संविधान को तानाशाही से बचाने का शायद आख़िरी मौक़ा होगा।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘2024 लोकसभा चुनाव भारत के लिए ‘न्याय का द्वार’ खोलेगा। लोकतंत्र एवं संविधान को तानाशाही से बचाने का शायद ये आख़री मौक़ा होगा। ‘हम भारत के लोग’ साथ मिलकर नफ़रत, लूट, बेरोज़गारी, महंगाई व अत्याचार के ख़िलाफ़ लड़ेंगे। हाथ बदलेगा हालात।’’
खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस बारे में चिंतित नहीं हैं कि क्या होने वाला है, यह एक नियमित घोषणा थी....मैंने लगभग 12 (लोकसभा) चुनाव देखे हैं और मुश्किल से 4-5 चरण होते थे, लेकिन इस बार यह सात चरणों में हो रहा है। चुनाव के दौरान इतने सारे विकास कार्य ठप्प हो जायेंगे, सोचिये देश कैसे प्रगति करेगा।’’
उन्होंने दावा किया कि ऐसा लगता है कि सात चरणों में मतदान कराया जा रहा है ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर जगह का दौरा कर सकें।
खरगे ने कहा कि यह चुनाव तीन-चार चरणों में होना चाहिए था।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव का बिगुल बजा है, जनता ने ललकारा है। न्याय की इस रणभूमि में लोकतंत्र ने हमें पुकारा है और हम तैयार हैं। आज चुनाव आयोग ने आम चुनाव की घोषणा कर दी है, लेकिन यह चुनाव ‘आम’ नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में फैसला होगा कि यह देश और हमारा लोकतंत्र- मजदूर, किसान, मध्यम वर्गीय लोगों के कंधे पर चलेगा या चुनिंदा पूंजीपतियों के कंधे पर चलेगा। इससे तय होगा की देश बाबा साहेब के संविधान पर चलेगा या एक तानाशाह के गुणगान पर चलेगा।’’
खेड़ा का कहना था, ‘‘यह चुनाव बेहद खास है। इसमें सिर्फ वोट ही नहीं, तानाशाही और अहंकार पर चोट भी पड़ेगी।’’
निर्वाचन आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा कर दी। इस बार चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना चार जून को होगी।
हक
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