लखनऊ, 24 फरवरी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि महायोजना लागू करने में अब देर न हो और स्थानीय जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद कर यथाशीघ्र महायोजना को लागू किया जाए. मुख्यमंत्री ने शनिवार को यहां अपने पांच, कालिदास मार्ग स्थित आधिकारिक आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित किया. यहां जारी एक सरकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी के समक्ष आज उनके आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में वाराणसी (रामनगर), मुरादाबाद, हापुड़, रायबरेली, बरेली और लखनऊ जिलों की महायोजना-2031 का प्रस्तुतिकरण किया गया. विज्ञप्ति के मुताबिक, बैठक में योगी ने दिशा-निर्देश देते हुए कहा, “महायोजना लागू करने में अब देर न हो. स्थानीय जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद कर यथाशीघ्र महायोजना को लागू किया जाए. बहुत से गांव अब नगरीय महायोजना का हिस्सा बने हैं.”
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह ध्यान रखा जाए कि इन गांवों को हरित भूमि के रूप में घोषित न किया जाए. आबादी की जमीन हरित भूमि नहीं होगी. राज्य राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर जनपद वाराणसी को केंद्र में रखते हुए सीमावर्ती जिलों को जोड़कर एक क्षेत्रीय विकास योजना तैयार किया जाना आवश्यक है. इस सम्बन्ध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत की जाए.” उन्होंने कहा कि मुरादाबाद (गजरौला) के नए मास्टर प्लान में औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों को और विस्तार दें, यहां बहुत संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा, “लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा को पूरे लखनऊ जनपद तक विस्तार दिया जाए. इसके अतिरिक्त, स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन हो रहा है. इन प्रयासों से राज्य राजधानी क्षेत्र में सुनियोजित और सुस्थिर विकास को गति मिलेगी. यह भी पढ़ें : भरूच सीट आप को दिए जाने पर कांग्रेस में घमासान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने किया जीत का दावा
योगी ने कहा कि सभी जनपदों में कुछ न कुछ खास है, उसे प्रोत्साहित करें. उन्होंने कहा कि स्थानीय शिल्पकला और परंपरागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘क्लस्टर’ (एक जगह सभी सुविधाएं) विकसित किया जाए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विकास प्राधिकरणों को नई संभावनाएं तलाशनी होंगी. उन्होंने कहा कि नगर निगम को अपना दायरा बढ़ाकर आय के नए स्रोत सृजित करना होगा. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि धार्मिक एवं आध्यात्मिक स्थलों के विकास को महायोजना का हिस्सा बनाएं. औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को समीप में ही आवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराने के प्रयास होने चाहिए. योगी ने कहा, “नगरों में यातायात प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है, इसके लिए हमें ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है.”