श्रीनगर, 29 नवंबर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि चुनाव कश्मीर समस्या का हल नहीं है और उन्होंने मुद्दे के हल के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत पर जोर दिया।
उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर आरोप लगाया कि वह जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों के नाम पर "लोकतंत्र की हत्या" कर रही है और गठबंधन के उम्मीदवारों को घरों में ही नजरबंद कर दिया गया, वहीं अन्य लोगों को प्रचार करने की पूरी आज़ादी मिली हुयी थी।
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महबूबा ने अपने गुपकर स्थित निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव कश्मीर समस्या का कोई हल नहीं है। दोनों देशों के बीच बातचीत होनी चाहिए। अगर हम चीन से बातचीत कर रहे हैं, जिसने हमारी जमीन ले ली है, तो पाकिस्तान के साथ क्यों नहीं? क्या यह मुस्लिम देश होने के नाते है क्योंकि अब सब चीजें सांप्रदायिक हैं।’’
पुलिस ने हिजबुल मुजाहिदीन के साथ कथित संबंधों को लेकर पीडीपी युवा इकाई के प्रमुख वहीद पारा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री को पुलवामा जिले में वहीद पारा के आवास पर जाने से रोक दिया था। महबूबा को शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने की अनुमति नहीं दी गयी थी।
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महबूबा ने शनिवार के मतदान प्रतिशत के महत्व के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पहले भी मतदान प्रतिशत ज्यादा होते रहे हैं, लेकिन यह कश्मीर मुद्दे का हल नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां लगभग नौ लाख सुरक्षा बल हैं। किस अन्य राज्य में असैनिक क्षेत्रों में इतनी अधिक संख्या में सुरक्षा बल हैं? यदि अनुच्छेद 370 (निरस्त) ने सभी मुद्दों का हल कर दिया है, तो अब भी कश्मीर में सेना क्यों तैनात है? उन्हें सीमा पर जाना चाहिए था?’’
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि गठबंधन के उम्मीदवारों को डीडीसी चुनावों में स्वतंत्र रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं थी।
उन्होंने आरोप लगाया, "हमारे लोगों के पास सुरक्षा नहीं है। उन्हें अपने घरों तक सीमित कर दिया गया है और उन्हें चुनाव अभियान चलाने की अनुमति नहीं है, वहीं भाजपा के उम्मीदवार स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं... क्या यह देश भाजपा के एजेंडे पर चलेगा?"
महबूबा ने कहा कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर बोलने की आजादी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘जो कोई भी आवाज उठाने की कोशिश करता है, उसके खिलाफ ‘यूएपीए’ के तहत मामला दर्ज कर लिया जाता है। वहीद से ज्यादा शांतिप्रिय कोई व्यक्ति नहीं है, लेकिन उसके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। यहां जो हो रहा है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
शुक्रवार को अपनी नजरबंदी का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा कि काल्पनिक बात को कश्मीर में वास्तविकता के रूप में दर्शाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे हिरासत में लिए जाने के बाद, चुनाव आयोग और अन्य अधिकारियों ने कहा कि मैं हिरासत में नहीं हूं। यह बताता है कि जम्मू कश्मीर में क्या हो रहा है...।’’
उन्होंने रोशनी मुद्दे पर कहा कि यह कोई घोटाला नहीं है बल्कि गरीबों के लिए एक योजना है। उन्होंने कहा, ‘‘असल घोटाला चुनावी बांड है। उन्हें इसकी जांच करने दीजिए। अगर भाजपा भूमि कब्जा के मुद्दे पर इतनी गंभीर है, तो उसे बड़े लोगों को पकड़ना चाहिए, न कि उन गरीबों को, जिनके पास अपनी पांच मरला जमीन भी नहीं है। गरीबों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। ऐसा ही एक नोटिस मेरे पास भी है।’’
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