चेन्नई, नौ फरवरी भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला के पहले मुकाबले को 227 रन से गंवाने के बाद कहा कि उनकी टीम का ‘बॉडी लैंग्वेज (भाव-भंगिमा)’ और जज्बा स्तरीय नहीं था जिसके कारण उन्हें पहले टेस्ट में ‘अधिक पेशेवर और निरंतर प्रदर्शन’ करने वाले इंग्लैंड के खिलाफ हार झेलनी पड़ी।
चौथी पारी में जीत के लिए 420 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 192 रन पर ऑल आउट हो गयी। सिर्फ कोहली (72) और शुभमन गिल (50) खराब होती पिच पर इंग्लैंड के आक्रमण का कुछ देर टिककर सामना कर सके।
कोहली ने मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में कहा, ‘‘ हमारा ‘बॉडी लैंग्वेज’ और जूनुन उस स्तर का नहीं था जैसा कि होना चाहिए, दूसरी पारी में हम अच्छी स्थिति में थे। पहली पारी के बाद के हिस्से में बल्लेबाजी करते हुए भी हम अच्छी स्थिति में थे।’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ हमें उन चीजों को समझना होगा जो हमने इस मैच में बेहतर तरीके से की और जो चीजें हम नहीं कर सके, एक टीम के रूप में हम हमेशा सुधार करना चाहते हैं। इंग्लैंड की टीम इस टेस्ट मैच में हमारी तुलना में अधिक पेशेवर थी।’’
कोहली ने माना की भारतीय टीम इंग्लैंड पर अधिक दबाव बनाने में सफल नहीं रही और उन्हें रन बनाने के आसान मौके दिये।
उन्होंने कहा, ‘‘ एक गेंदबाजी इकाई के तौर पर तेज गेंदबाजों के अलावा रविचंद्रन अश्विन ने पहली पारी में शानदार गेंदबाजी की लेकिन हमें रन रोक कर दबाव बनाने की जरूरत थी।’’
उन्होंन कहा, ‘‘यह धीमा विकेट था और गेंदबाजों को मदद नहीं मिल रही थी जिससे बल्लेबाजों के लिए छोर बदलना आसान हो गया था। ’’
चौथे और पांचवें गेंदबाज के तौर पर शाहबाज नदीम और वाशिंगटन सुंदर के बारे में पूछे जाने पर भारतीय कप्तान अपनी निराशा नहीं छुपा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘आप चाहते हैं कि आपकी गेंदबाजी इकाई मौके बनाये और विरोधी टीम को दबाव में रखे।’’
कोहली ने कहा कि इंग्लैंड की टीम यहां संघर्ष के लिए भारत के मुकाबले बेहतर तरीके से तैयार थी।
उन्होंने कहा, ‘‘ टॉस अहम है। उन्होंने जिस तरह से खेला उसका श्रेय उन्हें मिलना चाहिए। हम कोई बहाना नहीं बनाना चाहेंगे। हम गलतियों को स्वीकार कर उससे सीखते हैं।’’
भारतीय कप्तान ने उम्मीद जताई की टीम अगले मैचों में कड़ी टक्कर देगी। उन्होंने कहा, ‘‘ हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि अगले तीन मैचों में हम कड़ी टक्कर दे और चीजों को अपने हाथ से निकलने नहीं दे जैसा की इस टेस्ट में हुआ।’’
मैच में दोहरी शतकीय पारी खेलने वाले इंग्लैंड के कप्तान जो रूट मैन ऑफ द मैच रहे। एशिया में यह उनकी कप्तनी में छठी जीत है। इस मामले में वह दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ (21 मैचों में आठ) और वेस्टइंडीज के क्लाइव लॉयड (17 मैचों में सात) के बाद तीसरे सबसे सफल कप्तान बना गये ।
उन्होंने कहा, ‘‘ विदेशी परिस्थितियों में 20 विकेट लेना गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन है। हमें पता था कि यह एक अच्छा विकेट होने वाला है। पहले हम अच्छी साझेदारी करने में सफल रहे फिर विभिन्न चरणों में दूसरे खिलाड़ियों ने अपना योगदान दिया।’’
रूट ने कहा, ‘‘भारतीय टीम मजबूती से वापसी करेगी।’’
दूसरी पारी को देर से घोषित करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ पिच पर कुछ समय बिताने के बाद मुझे पता था कि यह और खराब होगी। हम भारत की जीतने की संभावनओं को खत्म करना चाहते थे। गेंदबाजी इकाई के तौर पर हम रन रेट को लेकर चिंतित नहीं होना चाहते थे।’’
पांचवें दिन अनुभवी जेम्स एंडरसन ने तीन विकेट लेकर मैच का रूख इंग्लैंड की तरफ मोड़ दिया और कप्तान ने उनके प्रयास की तारीफ की।
उन्होंने कहा, ‘‘पहला मैच जीतना शानदार है। 38 साल की उम्र में भी वह बेहतर होते जा रहे हैं। वह बाकी खिलाड़ियों के लिए महान आदर्श की तरह है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)