नयी दिल्ली, छह दिसंबर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि किसानों को सब्सिडी के साथ पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने में सरकार ने न कोई कोताही की है, और न ही करेगी।
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान चौहान ने पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि पिछले साल उर्वरकों के लिए एक लाख 94 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है, तब कहीं जा कर किसानों को कम कीमत में डीएपी और यूरिया उपलब्ध हो पाए हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों को सब्सिडी के साथ पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने में सरकार ने न कोई कोताही की है और न ही करेगी।
अन्नाद्रमुक सदस्य डॉ एम थंबीदुरै ने केंद्र सरकार पर तमिलनाडु के किसानों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री चौहान ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा, ‘‘राज्य सरकार उर्वरकों की अपनी मांग कृषि मंत्रालय को भेजती है जिसके बाद हम उर्वरक मंत्रालय को उसके हिसाब से कोष आवंटन के लिए आग्रह करते हैं। तमिलनाडु के लिए खाद की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार के लिए हरेक राज्य एक समान है। हम सब भारत मां के लाल, भेदभाव का कहां सवाल, सारा भारत एक है। ’’
चौहान ने आश्वासन दिया कि तमिलनाडु के किसानों को जितनी खाद की जरूरत होगी, उतनी खाद उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों से सरकार अवगत है और जैविक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत सरकार मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना लागू कर रही है जिसके तहत, किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाते हैं, ताकि मिट्टी की उर्वरता की स्थिति के बारे में जानकारी दी जा सके और उर्वरकों, सूक्ष्म पोषक तत्वों और वृहद पोषक तत्वों की खुराक की सिफारिश की जा सके।
चौहान ने कहा कि इसके अलावा, मृदा स्वास्थ्य कार्ड में इस्तेमाल किए जाने वाले उर्वरकों की मात्रा और बोई जाने वाली फसल के प्रकार की सिफारिश की जाती है। तैयार किए गए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी और कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को सलाह जारी की जाती है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, 70,000 कृषि सखियों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड सलाह जारी करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
चौहान ने कहा कि आज तक, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार के लिए उर्वरकों के उचित उपयोग पर लगभग 7 लाख प्रदर्शनी, 93,781 किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम और 7,425 किसान मेले आयोजित किए गए हैं।
कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री भगीरथ चौधरी ने एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि रासायनिक खाद के उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे क्षीण होती जाती है और मनुष्यों तथा जीव-जंतुओं के स्वास्थ्य पर भी इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि 1984 में भी जैविक खेती की शुरुआत के लिए अभियान चलाया गया था लेकिन कुछ नहीं हुआ।
चौधरी ने कहा, ‘‘किसान कड़ी मेहनत करते हैं। 2014 में नरेन्द्र मोदी सरकार ने भूमि की उर्वरता बचाने के लिए प्रयास शुरु किए जिसके तहत विभिन्न पहलें की गईं। नवाचारों का सिलसिला शुरु हुआ और अब इसके सकारात्मक परिणाम भी नजर आ रहे हैं।’’
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