नयी दिल्ली, 11 दिसंबर भारत में मलेरिया के मामलों और मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आयी है तथा 2024 तक आधिकारिक रूप से वह मलेरिया से ग्रस्त देशों के उच्च जोखिम उच्च प्रभाव (एचबीएचआई) समूह से बाहर निकल जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की बुधवार को जारी विश्व मलेरिया रिपोर्ट में यह जानकार दी गयी।
भारत में मलेरिया के मामले 2017 में 64 लाख से 69 प्रतिशत घटकर 2023 में 20 लाख हो गए। इसी प्रकार, इसी अवधि में मलेरिया से होने वाली अनुमानित मौत 11,100 से घटकर 3,500 (68 प्रतिशत की कमी) रह गयी।
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में 2023 में आठ देश सबसे ज्यादा मलेरिया से प्रभावित रहे, जिनमें 40 लाख मामले दर्ज किए गए।
रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में इस क्षेत्र में दर्ज किए गए मलेरिया के अनुमानित मामलों में से आधे भारत में थे, इसके बाद इंडोनेशिया में दर्ज किए गए जहां लगभग एक तिहाई मामले थे।
क्षेत्र में मलेरिया से होने वाली मौतों में अनुमानतः 82.9 प्रतिशत की कमी आई है, जो 2000 में 35,000 से घटकर 2023 में 6,000 हो गयी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि इस क्षेत्र में मलेरिया से होने वाली मौतों में भारत और इंडोनेशिया दोनों का योगदान लगभग 88 प्रतिशत है।
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