नई दिल्ली, 19 जुलाई: उच्चतम न्यायालय ने यहां चांदनी चौक में राहगीरों के चलने के रास्तों से अतिक्रमण हटाने के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के एक आदेश को बदल दिया है. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि अवैध अतिक्रमण हटाने की प्राथमिक जिम्मेदारी नगर निगम की है और दिल्ली सरकार को इस कवायद में मदद करनी चाहिए. शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली निगम अधिनियम, 1957 की धारा 317 (2) के तहत अतिक्रमण हटाने का उत्तर-दायित्व नगर निगम के आयुक्त पर है.
न्यायालय इस संबंध में उच्च न्यायालय के 14 नवंबर, 2019 के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार की अपील पर सुनवाई कर रहा था. उच्च न्यायालय ने चांदनी चौक में अतिक्रमण हटाने के संबंध में जिम्मेदारी दिल्ली सरकार और विशेष रूप से अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) की बताई थी. उच्च न्यायालय ने इससे पहले 2015 में एनजीओ मानुषी संगठन की एक याचिका पर नगर निगम को चांदनी चौक की सड़कों पर धार्मिक इमारतों के अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था और सरकार तथा पुलिस को निगम को पूरा सहयोग देने को कहा था.
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बाद में शीर्ष अदालत ने 16 मई, 2018 के अपने आदेश में कहा कि अतिक्रमण हटाने की प्राथमिक जिम्मेदारी नगर निगम की है और दिल्ली सरकार को निगम का सहयोग करना चाहिए. अब पीठ जिसमें न्यायमूर्ति के एम जोसफ भी शामिल हैं, ने अपने आदेश में कहा है, "उच्च न्यायालय के फैसले और आदेश के पैराग्राफ 20 में अंकित निर्देश को बदलना होगा ताकि वह इस अदालत के 16 मई 2018 के आदेश के संगत हो सके जिसके जरिये स्पष्ट किया गया था कि प्राथमिक जिम्मेदारी नगर निगम की है, वहीं दिल्ली सरकार आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी."
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