देश की खबरें | अविभाजित भारत में जन्में मनमोहन अक्सर साम्प्रदायिक सद्भाव की बात करते थे

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म अविभाजित पंजाब (अब पाकिस्तान में) के एक गांव में हुआ था और उनके परिवार ने विभाजन की त्रासदी झेली थी और शायद यही कारण है कि सिंह अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में अक्सर सांप्रदायिक सद्भाव की बात करते थे।

भारत में आर्थिक सुधारों का सूत्रपात करने वाले सिंह का बृहस्पतिवार रात यहां निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। उनका जन्म पंजाब प्रांत के पश्चिमी क्षेत्र गाह में हुआ था जो अब पाकिस्तान में आता है।

सिंह एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे और भारत तथा विदेशों में उनका काफी सम्मान था।

वेबसाइट ‘पीएमइंडियाडॉटजीओवी’ पर उनके परिचय के अनुसार, "डॉ. सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की पढ़ायी की। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, ब्रिटेन से 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स डिग्री हासिल की।"

इसके बाद सिंह ने 1962 में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के नफ़ील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी.फिल. की डिग्री हासिल की। ​​उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए।

सिंह कम बोलने वाले लेकिन अपार ज्ञान वाले व्यक्ति थे। वह अक्सर सांप्रदायिक सद्भाव और लोकतांत्रिक मूल्यों की बात करते थे, जो एक राष्ट्र के रूप में भारत का मूल हैं। वर्ष 2004 में अमृतसर में एक कार्यक्रम में उन्होंने अपनी जड़ों को याद किया था।

उन्होंने कहा था, "गुरु ग्रंथ साहिब का सम्मान करने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता कि हम एक-दूसरे के साथ शांति से रहने और प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने की इसकी शिक्षाओं का पालन करें। हमें बातचीत के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान निकालना सीखना चाहिए, साथ ही अपने साथियों का सम्मान करना सीखना चाहिए, चाहे उनकी स्थिति, पंथ या जाति कुछ भी हो।"

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