विदेश की खबरें | द. कोरिया: नेशनल असेंबली ने कार्यवाहक नेता हान के खिलाफ महाभियोग चलाने के पक्ष में मतदान किया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

कार्यवाहक राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव से देश में राजनीतिक संकट और गहरा गया है, जो राष्ट्रपति यून सुक येओल द्वारा ‘मार्शल लॉ’ लागू करने और उसके बाद उनके खिलाफ महाभियोग चलाने का प्रस्ताव पारित करने के फैसले से उत्पन्न हुआ।

हान के महाभियोग का मतलब है कि उन्हें बर्खास्त किया जाए या बहाल किया जाए, इस बारे में संवैधानिक न्यायालय द्वारा निर्णय लिए जाने तक उनसे राष्ट्रपति की शक्तियां और कर्तव्य छीन लिए जाएंगे।

न्यायालय पहले से ही इस बात की समीक्षा कर रहा है कि यून के पिछले महाभियोग को बरकरार रखा जाए या नहीं। देश के शीर्ष दो अधिकारियों के महाभियोग से राजनीतिक उथल-पुथल और बढ़ गई है, इसकी आर्थिक अनिश्चितता और गहरी हो गई है और इसकी अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा है।

संसद ने शुक्रवार महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रस्ताव के पक्ष में 192 मत पड़े जबकि विरोध में कोई मत नहीं पड़ा क्योंकि सत्तारूढ़ पीपुल पावर पार्टी (पीपीपी) के सांसदों ने मतदान का बहिष्कार किया था। पीपीपी के सांसद इस दौरान नेशनल असेंबली के अध्यक्ष वू वोन शिक के आसन के चारों ओर इकट्ठा हो गए और जोर जोर से ‘‘वोट अमान्य है’’ के नारे लगाने लगे। उन्होंने वू के इस्तीफे की मांग की। हालांकि इस घटना में किसी भी तरह की हिंसा या किसी को चोट पहुंचने की सूचना नहीं है।

वू द्वारा हान के महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान का आह्वान किए जाने के बाद पीपीपी सांसदों ने इसका विरोध किया। अधिकांश दक्षिण कोरियाई अधिकारियों पर नेशनल असेंबली द्वारा साधारण बहुमत से महाभियोग लगाया जा सकता है, लेकिन राष्ट्रपति के महाभियोग के लिए दो-तिहाई समर्थन की आवश्यकता होती है। कार्यवाहक राष्ट्रपति के महाभियोग पर कोई विशिष्ट कानून नहीं हैं।

हान की शक्तियां आधिकारिक तौर पर तब निलंबित कर दी जाएंगी जब उनके महाभियोग दस्तावेज की प्रतियां उन्हें और संवैधानिक न्यायालय को सौंप दी जाएंगी। इसके बाद उप प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक कार्यभार संभालेंगे।

यून ने हान को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। तीन दिसंबर को ‘मार्शल लॉ’ लागू करने के कारण यून पर लगभग दो सप्ताह पहले ‘नेशनल असेंबली’ द्वारा महाभियोग चलाने का प्रस्ताव लाया गया था, जिसके बाद हान कार्यवाहक राष्ट्रपति बने।

दक्षिण कोरिया में दूसरे नंबर के अधिकारी हान, राष्ट्रपति यून सुक येओल पर इस महीने की शुरूआत में अल्पकालिक ‘मार्शल लॉ’ लागू करने के कारण संसद द्वारा महाभियोग चलाए जाने के बाद से कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं।

हान के महाभियोग से दक्षिण कोरिया का राजनीतिक संकट और गहरा गया है।

बृहस्पतिवार को हान ने कहा था कि वे द्विदलीय सहमति के बिना न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करेंगे। विधानसभा में बहुमत रखने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी ने हान के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया और तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए विधेयक पारित किया।

दक्षिण कोरिया की जांच एजेंसियां ​​इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या यून ने ‘मार्शल लॉ’ का आदेश देकर विद्रोह को भड़काया और सत्ता का दुरुपयोग किया है। इस संबंध में उनके रक्षा मंत्री, पुलिस प्रमुख और कई अन्य वरिष्ठ सैन्य कमांडरों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

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