जयपुर, 6 अक्टूबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार सेवा ही धर्म और सेवा ही कर्म के सिद्धांत पर काम कर रही है जो अपनी हर योजना और कार्यक्रम को आमजन के रचनात्मक सुझावों के आधार पर चलाती है. वह यहां गो सेवा समिति द्वारा आयोजित गो सेवा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने तीन नए जिले मालपुरा, सुजानगढ, कुचामन सिटी बनाने की घोषणा की. गहलोत ने कहा कि सरकार गोसेवा समिति के सुझावों पर भी अवश्य ही ध्यान देगी. मुख्यमंत्री ने इस दौरान गौशालाओं में नंदी को रखे जाने तथा उन्हें 12 माह का अनुदान देने की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में गौशालाओं को भी 12 माह का अनुदान देने का प्रावधान किया जाएगा तथा चारागाह माफियाओं पर भी अंकुश लगाया जाएगा. गहलोत ने कहा कि 2030 तक राजस्थान को अग्रणी राज्य बनाने के लिए मिशन 2030 के तहत 3.32 करोड़ सुझावों के आधार पर 'विजन डॉक्यूमेंट' जारी किया जा चुका है. राज्य सरकार की पहलों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक पंचायत समिति में 1.57 करोड़ रुपये की लागत की पंचायत समिति स्तरीय नंदीशाला खोलने हेतु 651.70 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि नंदीशालाएं खुलने से सड़कों पर विचरण कर रहे निराश्रित/आवारा गोवंश की समस्या का समाधान हो सकेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदीशालाओं में देय अनुदान को 9 माह से बढ़ाकर 12 माह कर दिया गया। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में आधारभूत सरंचना के लिए 221 गौशालाओं को 16.86 करोड़ रुपये स्वीकृत कर आधारभूत संरचनाओं का निर्माण करवाया गया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना में पशुपालकों को अब तक 1265 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है. गहलोत ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादकों को प्रति लीटर पांच रुपये अनुदान मिलने के परिणामस्वरूप राजस्थान आज दुग्ध उत्पादन में देशभर में प्रथम स्थान पर है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गौ पूजन भी किया.
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