लखनऊ, सात नवंबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि अयोध्या को पूरे विश्व में पर्यटन प्रमुख स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, ''लगभग पांच शताब्दी की लंबी प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में रामलला के भव्य मन्दिर का भूमि पूजन सम्पन्न हो गया है । श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर का शिलान्यास हो जाने के पश्चात दीपावली के अवसर पर अयोध्या में आयोजित किए जाने वाले ‘दीपोत्सव-2020’ का विशेष महत्व है।''
आज यहां जारी एक सरकारी बयान में मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव-2020 को ऐतिहासिक करार देते हुए पूरी भव्यता के साथ इसे मनाए जाने पर विशेष बल दिया।
एक अन्य बयान में सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 492 वर्ष बाद यह पहला मौका होगा जब श्री राम जन्म भूमि पर भी ख़ुशियों के दीप जलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ''अयोध्या के पुरातन, ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व के दृष्टिगत केन्द्र एवं राज्य सरकार इसके प्राचीन गौरव के अनुरूप प्रतिष्ठित करने का कार्य कर रही है। अयोध्या को वैश्विक पहचान दिलाने के साथ-साथ समस्त आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर इसका सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता है। ''
मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्त कार्यक्रमों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाए। उन्होंने संपूर्ण दीपोत्सव के दौरान अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि मिट्टी तथा गोबर से निर्मित दीपों का प्रज्ज्वलन किया जाए। जागरूकता सृजित करते हुए अधिक से अधिक लोगों को दीये जलाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने कहा कि इससे जहां एक ओर ईको फ्रेण्डली दीपावली की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर माटी कला से जुड़े कारीगरों की आमदनी होगी।
उन्होंने दीपोत्सव-2020 के अवसर पर दीप प्रज्ज्वलन के लिए अधिक से अधिक स्वयंसेवियों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
आनन्द
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