नयी दिल्ली, 27 अप्रैल : सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अपने 21,000 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए मूल्य दायरा 902 से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि एलआईसी अपने पॉलिसीधारकों को 60 रुपये की छूट देगी. वहीं खुदरा निवेशकों और कर्मचारियों को 40 रुपये की छूट दी जाएगी. कंपनी का आईपीओ चार मई को खुलकर नौ मई को बंद होने की उम्मीद है. बोलियां 15 शेयरों के लॉट में लगाई जा सकेंगी. एंकर निवेशक दो मई को कंपनी के शेयरों के लिए बोलियां लगा सकेंगे. इस निर्गम के जरिये सरकार कंपनी में अपनी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी या 22.13 करोड़ शेयर बेचेगी. सूत्रों ने बताया कि एलआईसी ने 2.21 करोड़ शेयर के निर्गम आकार का 10 प्रतिशत अपने पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रखा है. वहीं कर्मचारियों के लिए 15 लाख शेयर रखे गए हैं.
पॉलिसीधारकों और शेयरधारकों के लिए आरक्षित शेयरों के बाद शेष में से 50 प्रतिशत शेयर पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) को आवंटित किए जाएंगे. 35 प्रतिशत शेयर खुदरा निवेशकों और 15 प्रतिशत गैर-संस्थागत निवेशकों को आरक्षित किए जाएंगे. सूत्रों ने बताया कि क्यूआईबी का 60 प्रतिशत हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित रहेगा. सरकार ने फरवरी में बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी में अपनी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी या 31.6 करोड़ शेयर बेचने की योजना बनाई थी. सरकार ने इस बारे में सेबी के पास दस्तावेज भी जमा करा दिए थे. हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बाजार में आए उतार-चढ़ाव से आईपीओ की योजना भी प्रभावित हुई. पिछले सप्ताह सरकार ने इस निर्गम के आकार को पांच प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत करने का फैसला किया. यह भी पढ़ें : Tamil Nadu: तमिलनाडु में रथयात्रा के दौरान करंट लगने से 11 लोगों की मौत
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के नियम से छूट के लिए भी सेबी के पास दस्तावेज जमा किए हैं. मौजूदा नियमों के अनुसार, एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के मूल्यांकन वाली कंपनियों को आईपीओ में कम-से-कम पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचनी जरूरत होती है. अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकनकर्ता कंपनी मिलिमैन एडवाइजर्स ने 30 सितंबर, 2021 को एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य 5.4 लाख करोड़ रुपये निकाला था. वहीं निवेशकों से मिले ब्योरे के अनुसार, एलआईसी का बाजार मूल्य उसके अंतर्निहित मूल्य का 1.1 गुना यानी करीब छह लाख करोड़ रुपये बैठता है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसमें एलआईसी के आईपीओ का बड़ा योगदान होगा.